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Ropeway In Varanasi: नवरात्र में काशी विश्वनाथ के भक्तों को पीएम मोदी देंगे सौगात, देश के पहले पब्लिक रोप-वे से श्रद्धालु सीधे पहुंचेंगे बाबा के दरबार

Varanasi: 24 मार्च को अपने संसदीय क्षेत्र में पीएम नरेंद्र मोदी आधारशिला रखेंगे. काशी के पुराने इलाकों की सड़के सकरी होने के कारण इसका निर्णय लिया गया है. ताकि देशी-विदेशी पर्यटकों को किसी तरह की असुविधा न हो.

Ropeway In Varanasi

प्रतीकात्मक तस्वीर

Ropeway In Varanasi: नवरात्र में बाबा काशी विश्वनाथ के भक्तों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोप-वे का तोहफा देने जा रहे हैं. अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में देश की पहली पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे परियोजना की आधारशिला पीएम 24 मार्च को रखेंगे. इसके साथ ही कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया के बीच रोप-वे का काम शुरू हो जाएगा. यह परियोजना 644.49 करोड़ रुपये की है.

रोप-वे कैंट रेलवे स्टेशन (वाराणसी जंक्शन) से गोदौलिया चौराहे तक चलेगा. इससे न केवल देशी-विदेशी पर्यटकों बल्कि स्थानीय लोगों को भी काफी राहत मिलेगी और काशी की संकरी गलियों में लगने वाले जाम से भी निजात मिल जाएगा.

काशी विश्वनाथ दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को मिलेगी सुविधा

जानकारी के मुताबिक, इस योजना से काशी विश्वनाथ मंदिर, दशाश्वमेध घाट जाना आसान हो जाएगा. वाराणसी में नेशनल हाईवे, रिंग रोड, फ्लाईओवर, आरओबी के बाद अब भीड़-भाड़ वाले इलाके में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे चलने से वाराणसी में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को भी काफी राहत मिलेगी. इस रोप-वे के बनने के बाद काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए जाने वाले लाखों श्रद्धालुओं को सुविधा होगी, उनके पास ऑटो, टेम्पो और रिक्शा के अलावा एक और विकल्प मौजूद रहेगा. श्रद्धालु स्टेशन से उतरकर सीधा मंदिर के करीब तक जा सकेंगे.

पहले चरण में कैंट से गोदौलिया के बीच होगा काम

वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल ने बताया कि देश का पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे पहले चरण में वाराणसी कैंट से गोदौलिया के बीच चलाया जाएगा. काशी के पुराने इलाकों की सड़के सकरी होने और ट्रैफिक का दबाव निरंतर बढ़ने से अक्सर यहां जाम की स्थिति बनी रहती है, जिससे देशी-विदेशी पर्यटकों के अलावा स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस रोप-वे के बाद उनको जाम से निजात मिल सकेगी.

बोलीविया के लापाज और मेक्सिको के बाद भारत होगा तीसरा देश

बता दें कि नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि बोलीविया के लापाज और मेक्सिको के बाद भारत विश्व में तीसरा देश और वाराणसी पहला शहर होगा, जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे का इस्तेमाल किया जाएगा. उन्होंने बताया कि ये पायलट प्रोजेक्ट है और इसका निर्माण स्विट्जरलैंड की कंपनी बथोर्लेट और नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड (एनएचएलपीएल) मिलकर करेंगी.

कैंट स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक होंगे कुल 5 स्टेशन

प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने जानकारी दी कि वाराणसी कैंट स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक कुल 5 स्टेशन होंगे, जिनमें कैंट रेलवे स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर और गोदौलिया चौराहे पर स्टेशन बनाया जाएगा. रोप-वे की कुल दूरी 3.8 किलोमीटर होगी, जो करीब 16 मिनट में तय होगी. करीब 50 मीटर की ऊंचाई से करीब 150 ट्रॉली कार चलेगी.

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एक ट्रॉली में सवार हो सकेंगे 10 पैसेंजर

प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने के मुताबिक, एक ट्रॉली में 10 पैसेंजर सवार हो सकेंगे. हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल पर यात्रियों के लिए ट्रॉली उपलब्ध रहेगी. एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे. यानी 6000 लोग दोनों दिशा से एक घंटे में आ जा सकेंगे. रोप-वे का संचालन 16 घंटे होगा. रोप-वे 2 साल के अंदर बनकर तैयार हो जाएगा. उन्होंने बताया की भूमि अधिग्रहण, तार और पाइप शिफ्टिंग का काम तेजी से चल रहा है. इसके साथ ही रोप-वे के लिए बनने वाले सभी स्टेशन पर काशी की कला, धर्म और संस्कृति की झलक लोगों को देखने को मिलेगी.

-भारत एक्सप्रेस

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