Navratri 2023: नवरात्रि की महानवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. आखिरी दिन होने के कारण कई लोग इस दिन व्रत का पारण भी करते हैं. महानवमी पर ही मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था. इस दिन किए जाने वाले पूजा पाठ और मंत्र जाप के अलावा हवन करने से कई गुना अधिक फल मिलता है.
सभी तरह की सिद्धियां देती हैं मां सिद्धिदात्री
मां सिद्धिदात्री अपने भक्तों और साधकों को प्रसन्न होने पर कई तरह की सिद्धियां प्रदान करती हैं. धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री से कई सिद्धियों को प्राप्त किया था. मां की कृपा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था. अपने इसी रूप के कारण उन्हें ‘अर्द्धनारीश्वर’ नाम से जाना गया. इनकी कृपा से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है.
इस विधि से करें मां की पूजा
चैत्र नवरात्रि में नवमी तिथि 30 मार्च को पड़ रही है. आचार्य रामानुज के अनुसार चैत्र शुक्ल नवमी तिथि 29 मार्च की रात्रि में 9 बजकर 7 मिनट से शुरू होते हुए 30 मार्च को रात्रि में 11 बजकर 30 मिनट तक रहेगी. इस दौरान मां की पूरे विधि विधान से पूजा करनी चाहिए. नौवें दिन साधना करने वाले साधकों को सभी दिव्य सिद्धियों की प्राप्ति होती है. मां सिद्धिदात्री धन,वैभव और सुख-शांति की अधिष्ठात्री देवी हैं. नवमी तिथि के दिन प्रात:काल स्नान-ध्यान के पश्चात कलश पूजन करके मां की विधि-विधान से पूजा करें.
इस दिन धन लाभ के लिए हवन में गुलाब का फूल और कमल के फूल के साथ शहद मिलाकर अग्नि को समर्पित करें. मां का वंदना मंत्र और दुर्गा सप्तशती का 9 बार पाठ करने से विशेष लाभ होता है. इस दिन मां को हलुआ, पूरी, बिना लहसुन प्याज वाली सब्जी और काले चने के अलावा नारियल का भोग लगाएं. इस दिन काले काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. नवमी पर बैंगनी या जामुनी रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है.
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नवमी तिथि पर इन खास योग में करें मां की पूजा
बात करें नवमी तिथि की तो इस दिन 4 शुभ योग का संयोग बन रहा है. इनमें से पहला गुरु पुष्य योग और अमृत सिद्धि योग 30 मार्च को सुबह 10 बजकर 59 मिनट से शुरु होते हुए अगले दिन 31 मार्च को सुबह 06 बजकर 13 मिनट तक रहेगा. वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग 30 तारीख को पूरे दिन रहेंगे.