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Atiq Ahmad: 10 लाख की रंगदारी मामले में भी बना रिमांड, अतीक अहमद का बयान दर्ज करने साबरमती जेल जाएगी यूपी पुलिस, जानें क्या है पूरा मामला

Atiq Ahmad News: प्रयागराज में बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद मिले सुराग और बरेली जेल के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मिलने पर कारा उप महानिरीक्षक आर एन पांडेय को जांच सौंपी गई थी.

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माफिया अतीक अहमद (फाइल फोटो)

Atiq Ahmad: माफिया अतीक अहमद की मुश्किलें दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है. बीते दिनों प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा के बाद अब एक दूसरे मामले में अतीक का रिमांड बन गया है. दरअसल, अतीक अहमद के खिलाफ जेल से पांच करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने के मामले में वारंट बनवाने के बाद अब पुलिस ने 10 लाख रुपए की रंगदारी मांगने के मामले में भी माफिया के खिलाफ रिमांड बनावा ली है. अब पुलिस गुजरात की साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद का बयान दर्ज करेगी.

दरअसल, 31 अगस्त 2022 को माफिया अतीक अहमद के गुर्गों मोहम्मद आसाद, आवेज अहमद, नदीम अहमद, शाह अहमद और अन्य के खिलाफ कसारी मसारी के रहने वाले मोहम्मद आजम ने जानलेवा हमला, धमकी और रंगदारी की धाराओं में केस दर्ज कराया था. पीड़ित ने आरोप लगाया था कि 14 अगस्त 2022 की दोपहर में वह अपने एनुद्दीनपुर स्थित प्लॉट पर निर्माण करवाने गया था. उसी समय कार सवार 5-6 लोग आए और उस पर पिस्टल सटा दिया. इसके साथ ही बदमाशों ने कहा कि यहां काम करना है तो पहले उसे 10 लाख रुपए देना होगा. जो भी यहां काम करता हो वो अतीक को पैसा पहुंचाता है. इतना ही नहीं, पीड़ित ने कहा कि बदमाशों ने उसकी पिटाई भी. इस मामले में पुलिस सिर्फ एक आरोपी को पकड़ सकी. बाकी सभी फरार हैं.

तीन जेलों के वरिष्ठ अधीक्षक निलंबित

उत्तर प्रदेश के नैनी (प्रयागराज), बरेली और बांदा स्थित कारागारों में एक अप्रैल को छापेमारी के दौरान आपत्तिजनक सामग्री मिलने पर तीनों स्थानों पर तैनात रहे वरिष्‍ठ कारागार अधीक्षकों को प्रशासनिक शिथिलता के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. जेल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ‘जिन लोगों को निलंबित किया गया है, उनमें नैनी जेल के वरिष्ठ अधीक्षक शशिकांत सिंह, बांदा जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक अविनाश गौतम और बरेली जिला कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक राजीव शुक्ला शामिल हैं.

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प्रयागराज में बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद मिले सुराग और बरेली जेल के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मिलने पर कारा उप महानिरीक्षक आर एन पांडेय को जांच सौंपी गई थी. आर एन पांडेय ने हाल ही में अपनी जांच रिपोर्ट कारागार महानिदेशक को सौंप दी थी. दंडित किये गये अधिकारियों पर नियमों की अनदेखी कर अशरफ और अतीक के बेटे समेत अन्य को सहूलियत देने का आरोप है.

-भारत एक्सप्रेस



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