समाजिक कार्यकर्ता और भ्रष्टाचार विरोधी अन्ना हजारे ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होने दिल्ली की आबकारी नीति की आलोचना करते हुए केजरीवाल पर सत्ता के नशे में चूर होने का आरोप लगाया है. पत्र में अन्ना हजारे ने केजरीवाल की किताब स्वराज की कुछ लाइनों को याद दिलाया है।
उन्होंने खत में लिखा, ‘राजनीति में आने से पहले आपने ‘स्वराज’ किताब लिखी थी और उसकी प्रस्तावना मुझसे लिखवाई थी. आपने किताब में ग्रामसभा और शराब नीति के बारे में विस्तार से लिखा था। आपने जो कुछ भी लिखा था वह आपको याद दिलाना चाहता हूं। अन्ना हजारे ने अपने शिष्य केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा कि आपने अपनी किताब स्वराज में आदर्श की बातें लिखी थी। इसलिए मुझे आपसे बहुत उम्मीदें हैं…..लेकिन, ऐसा लगता है कि आप राजनीति में आने और दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने उन शब्दों को भूल गए हैं। अन्ना हजारे ने केजरीवाल की आबकारी नीति की आलोचना करते हुए कहा कि, आपने जो नई आबकारी नीति बनाई है, वह शराब की लत की आदत को बढ़ावा देती है। इस नीति से राज्य के कोने-कोने में शराब की दुकानें खुल रही हैं। जिससे यह नीति भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा दे सकती है। यह नीति बिल्कुल भी जनता के हित में नहीं है, लेकिन आपने ऐसी नीति लाने का फैसला किया है।
अन्ना हजारे ने अपने शिष्य केजरीवाल को 2012 के आंदोलन को याद दिलाते हुए कहा कि, केजरीवाल जी आप भूल गए है कि भ्रष्टाचार औऱ लोकपाल बिल को लेकर हमने दिल्ली में जो आंदोलन किए थे उसमें हमारा इरादा राजनीतिक पार्टी बनाना बिल्कुल भी नही था. अन्ना हजारे ने इस पत्र में आगे लिखा कि दिल्ली की आबकारी नीति को देखकर मुझे ऐसा लगता है कि 2012 ऐतिहासिक आंदोलन खत्म करके जो राजनीतिक पार्टी बनाई गई वो अब उसी रास्ते पर चल रही है जिस पर देश की दूसरी राजनीतिक पार्टीयां चल रही है।यह बेहद खतरनाक है. अन्ना हजारे ने पत्र में लिखा कि मैं यह पत्र इसलिए लिख रहा हूं कि हमने पहले रालेगणसिद्धी गांव में शराब को बंद किया था. इसके बाद महाराष्ट्र में एक अच्छी शराब नीति बने इसके लिए भी आंदोलन किया था. जिसके बाद आंदोलन की वजह से शराब बंदी का नया कानून बन गया, जिसमें किसी गांव और शहर में अगर 51 प्रतिशत महिलाएं शराब बंदी के पक्ष में वोटिंग करती है तो वंह शराबबंदी हो जाती है. अन्ना हजारे ने इस पत्र में लिखा कि हमें दिल्ली की आम आदमी सरकार से भी इसी तरह की नीति की उम्मीद थी, लेकिन आप ने ऐसा कुछ भी नही किया. हजारे ने कहा कि आम आदमी पार्टी के लोग भी बाकी राजनीतिक पार्टियों की तरह पैसा से सत्ता और सत्ता से पैसा कमाने के जंजाल में फंस चुके है. हजारे ने केजरीवाल की आम आदमी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि, देश के बड़े आंदोलन से जन्मी राजनीतिक पार्टी को यह बात शोभा नहीं देती है.