भगवान विष्णु
Apara Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी के दिन का विशेष महत्व है. एक साल में 24 एकादशी के व्रत पड़ते हैं. इनमें अपरा एकादशी को सबसे अधिक फलदायी माना जाता है. इसके व्रत से व्यक्ति के परिवार में सुख शांति बनी रहती है. चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में भी इसके महत्व को बताया गया है. इस दिन भगवान विष्णु की कथा सुनने से घर परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. वहीं भगवान विष्णु की कृपा से सभी तरह के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है. अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए पूरे श्रद्धानुसार व्रत रखने का विधान है. भगवान विष्णु की कृपा से इस एकादशी का व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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अपरा एकादशी के दिन शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार मई माह में 15 तारीख को अपरा एकादशी का आरंभ सुबह 02 बजकर 06 मिनट पर होगा और अगले दिन 16 मई 2023 को तड़के सुबह ही 01 बजकर 03 मिनट पर इसका समापन होगा. व्रत का पारण अगले दिन 16 मई को सुबह 06 बजकर 31 मिनट से 8 बजकर 33 मिनट पर किया जा सकता है. अपरा एकादशी का महत्व इतना है कि इस दिन पूजा पाठ और सच्चे मन से व्रत रखने वालों को अपार धन और संपत्ति की प्राप्त होती है.
इस विधि से करें अपरा एकादशी के दिन पूजा
अपरा एकादशी के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठते हुए भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें. इस दिन की पूजा के लिए घर के मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना करें. एकादशी के दिन भगवान विष्णु के सहस्त्रनाम का पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है. भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति पर गंगाजल छिड़कते हुए पीले रंग का पुष्प चढ़ाएं और दीप धूप से उनकी आरती करें. इसके बाद अपरा एकादशी की कथा सुने. इस एकादशी की दो कथाएं हैं. एक जुल्मी राजा की और दूसरा महाभारत से जुड़ी हुई. एकादशी के अगले दिन सुबह उठते हुए भगवान विष्णु को भोग लगाए और ब्राम्हणों को भोजन कराने के बाद व्रत का पारण करें.
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