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UP News: अयोध्या में आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर की संस्था को लगी करोड़ों की चपत, 4 बिस्वा जमीन को 21 बीघा बताकर बेचा

Ayodhya : भू-माफिया ने ट्रस्ट को चार बिस्वा की जमीन को 21 बीघा बताकर 10 करोड़ में बेच दिया और फरार हो गया. यानी महज 10-12 लाख की जमीन को फर्जी कागजों के आधार पर करोड़ों में बेच दिया गया.

श्रीश्री रवि शंकर (ऊपर), मीडिया को जमीन घोटाले की जानकारी देते अधिवक्ता, (नीचे)

सुभाष सिंह

UP News: आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर (Shri Shri Ravi Shankar) की संस्था को करोड़ों की चपत लगने की खबर सामने आ रही है. उत्तर प्रदेश के अयोध्या से सामने आई इस बड़ी खबर में करोड़ों की जमीन का घोटाला खुला है. जानकारी सामने आ रही है कि अध्यात्मिक गुरु के ट्रस्ट को किसी ने 4 बिस्वा की जमीन को 21 बीघा बताकर 10 करोड़ में बेच दिया और रुपए लेकर फरार हो गया. पूरे मामले में बताया जा रहा है कि भू-माफियाओं ने राजस्व विभाग के कर्मचारियों की मदद से पूरा खेल किया है. फिलहाल अब ट्रस्ट ने इस पूरे मामले में कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए तैयारी कर ली है.

मिली जानकारी के मुताबिक, अयोध्या के जमीन घपलेबाजों ने आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर की संस्था को करोड़ों का चूना लगा दिया है. भू माफियाओं ने राजस्व विभाग के कर्मियों की मदद से ऐसा खेल खेला जिसमे श्री श्री रविशंकर के ट्रस्ट ने अपनी 10 करोड़ से अधिक की रकम गवां दी है. कानूनी जानकार बताते हैं कि अब रविशंकर को इस पैसे की वसूली के लिए भी कानूनी लड़ाई लड़नी होगी, जबकि उनके द्वारा खरीदी गई जमीन पर कुछ अन्य प्रक्रियाओं के बाद बुलडोजर चल जाएगा.

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शिकायतकर्ता ने बताया पूरा मामला

शिकायतकर्ता अधिवक्ता अच्युतानंद पाठक ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि जमीन के कागजो में हेरफेर कर ये बड़ा खेल खेला गया है. पाठक ने बताया कि 4 बिस्वा जमीन एक महिला के नाम थी जिसकी मृत्यु हो गई है. इसी जमीन को अब्दुल कलाम नाम के एक व्यक्ति ने हेरफेर कर अपने नाम करा लिया. सबसे बड़ी बात कि जब उसने अपने नाम ये जमीन कराई तो 4 बिस्वा की जगह पर कागजों में 21 बीघा दर्ज करा दिया गया. इसके बाद अब्दुल कलाम ने ये जमीन किसी तरह से श्रीश्री रविशंकर की संस्था व्यक्ति विकास केंद्र को 10 करोड़ में बेच दी, जबकि उस जमीन की कीमत मात्र 10 से 12 लाख है. अधिवक्ता ने बताया कि कानूनी रूप से प्रपत्र-6 के आधार पर वरासत की जमीन ट्रांसफर होती है ना की वसीयत की जमीन. यानी यह की इस पूरे जमीन के मामले में खेल पर खेल हुआ.

इस तरह खुला पूरा मामला

अधिवक्ता ने बताया कि जब श्रीश्री रविशंकर जी की संस्था व्यक्ति विकास केंद्र के नाम अब्दुल कलाम ने 10 करोड़ लेकर बैनामा कर दिया तो संस्था ने जमीन का दाखिल खारिज करने के लिए एआरओ के यहां प्रस्तुत किया और फिर इसमें ऑब्जेक्शन कर दिया गया. क्योंकि यह जमीन फर्जी तौर पर ली गई है इसीलिए नामांकन नहीं हो सकता और इस तरह से पूरा खेल खुला तो सभी हैरान रह गए. अधिवक्ता ने बताया कि जमीन अभी भी अब्दुल कलाम के नाम पर है और वह फरार बताया जा रहा है. फिलहाल इस पूरे मामले में संस्था कानून लड़ाई लड़ने को तैयार है. इस मामले में केस भी दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है. वहीं मुख्य शासकीय अधिवक्ता राजस्व अनिल अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि जब कभी इस तरह का मामला संज्ञान में आता है तो प्रशासनिक स्तर पर इसकी जांच भी कराई जाती है. फिलहाल इस मामले में भी जांच कराई जाएगी.

अब कहां है योगी सरकार का बुलडोजर

अब पूरे मामले में समाजवादी पार्टी ने सीधे-सीधे योगी सरकार को घेरा है. अयोध्या के पूर्व विधायक और समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रहे तेजनारायण उर्फ पवन पांडे ने कहा कि, जमीन की रजिस्ट्री कब हुई. उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि श्रीश्री रविशंकर को किसने ठगा, सीएम योगी का बुलडोजर कहां है. ठगने वाले पर बुलडोजर क्यों नहीं चला.

-भारत एक्सप्रेस

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