Bharat Express

MahaKumbh 2025: महाकुंभ के लिए संगम के साथ ही सज संवर रहे अयोध्या, वाराणसी और चित्रकूट धाम

MahaKumbh 2025: महाकुंभ की तैयारियों के तहत प्रयागराज के साथ-साथ अयोध्या, वाराणसी और चित्रकूट धाम में भी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर सुविधाओं का विकास किया जा रहा है.

Maha Kumbh 2025

Maha Kumbh 2025

महाकुंभनगर: सनातन आस्था के सबसे बड़े समागम महाकुंभ को लेकर तैयारियां सिर्फ प्रयागराज में ही नहीं हो रही हैं, बल्कि इसका असर प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों पर भी होने जा रहा है. महाकुंभ 2025 के दृष्टिगत श्रद्धालुओं और पर्यटकों द्वारा प्रयागराज के साथ-साथ अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट, मीरजापुर, लखनऊ में भी बड़ी संख्या में आवागमन संभावित है. इसको देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन स्थानों पर भी मूलभूत सुविधाएं विकसित किए जाने के निर्देश दिए हैं.

अनुमानित 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना को देखते हुए, इन सभी धार्मिक स्थलों पर व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं. मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जा रहा है, जिसमें यातायात व्यवस्था का विस्तार, आवास सुविधाओं का विकास, स्वच्छता एवं पेयजल की व्यवस्था, चिकित्सा सुविधाएं और सुरक्षा प्रबंधन शामिल हैं. विशेष रूप से प्रयागराज में त्रिवेणी संगम क्षेत्र, अयोध्या में राम मंदिर परिसर, वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और चित्रकूट में कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इन सभी स्थलों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आधुनिक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं.

मूलभूत सुविधाओं के लिए लगभग 65 करोड़ के प्रस्ताव

नगर विकास विभाग के द्वारा इन सभी धार्मिक स्थलों के लिए लगभग 65 करोड़ रुपए की धनराशि प्रस्तावित की गई है. इसमें अयोध्या के लिए 12.41 करोड़ रुपए, अयोध्या यूपीएसटीडीसी (उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम) के लिए 5.25 करोड़ रुपए, मीरजापुर के लिए 10.87 करोड़ रुपए, चित्रकूट के लिए 4.85 करोड़ रुपए, भदोही के लिए 1.38 करोड़ रुपए और लखनऊ के लिए 28.68 करोड़ रुपए की धनराशि प्रस्तावित की गई है. प्रस्तावित मूलभूत सुविधाओं में अस्थाई आवासीय व्यवस्था के तहत श्रद्धालुओं के लिए टेंट सिटी और स्विस कॉटेज की स्थापना की जाएगी. वहीं खान-पान की व्यवस्था के तहत अस्थाई किचन की स्थापना प्रस्तावित है.

प्रकाश व्यवस्था के अंतर्गत विद्युत सजावट और मोबाइल जेनसेट की आपूर्ति की जाएगी, जबकि ठंड से बचाव के लिए हीटर और अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी. इसके अतिरिक्त स्वच्छ पेयजल, अस्थाई और मोबाइल शौचालय की व्यवस्था, सफाई के लिए मैनपावर और सौंदर्यीकरण के तहत रंगाई पुताई और वॉल पेंटिंग प्लेस मेकिंग के कार्य कराए जाएंगे. शौचालय निर्माण का कार्य स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) मद से किया जाएगा, जबकि अलाव और कंबल की व्यवस्था राजस्व विभाग के आपदा राहत प्रबंधन विभाग से की जाएगी. प्रकाश व्यवस्था की जिम्मेदारी नगर निगम और नगर निकाय द्वारा जबकि साइनेज की व्यवस्था पर्यटन, सूचना एवं लोक निर्माण विभाग से की जाएगी.

मंडलायुक्त की अध्यक्षता में विशेष समिति का गठन

विभिन्न व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए विशेष समिति का गठन किया जाएगा. समिति का उद्देश्य अस्थाई आवासीय व्यवस्था, टेंट सिटी समेत अन्य कार्यों के संबध में निर्णय लेना होगा. समिति की अध्यक्षता संबंधित मंडलायुक्त द्वारा की जाएगी, जबकि समिति के सदस्यों में संबंधित जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त/पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त/अधिशासी अधिकारी, संबंधित निकाय, यूपीएसटीडीसी लखनऊ द्वारा नामित अधिकारी होंगे. समिति परियोजनाओं का औचित्य, अपरिहार्यता एवं आगणन का मूल्यांकन करेगी. इसके साथ ही, कार्यदायी संस्था का भी चयन किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया ‘Atal Yuva Maha Kumbh’ का शुभारंभ

यूपीएसटीडीसी को तंबू एवं किचन व्यवस्था के लिए कार्यदायी संस्था के रूप में चुना जाना है. वहीं, समिति अपनी स्पष्ट संस्तुति सहित प्रस्ताव तैयार करेगी, जिसे कुम्भ मेलाधिकारी के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा. अंतिम अनुमोदन प्रक्रिया के तहत शीर्ष समिति की बैठक में प्रस्ताव को रखा जाएगा, जिसमें अनुमोदन के बाद महाकुंभ बजट से धनराशि आवंटित की जाएगी.

-भारत एक्सप्रेस 



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read