गुलाम नबी आजाद
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आतंकवाद पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए और दुनिया के किसी भी हिस्से में आतंकवाद जनता के हित में नहीं है. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने क्षेत्र में शांति लाने का श्रेय भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार को दिया, लेकिन साथ ही कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करना और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित करने जैसी कई चीजें नहीं की जानी चाहिए थी.
पार्टी के एक कार्यक्रम से इतर यहां पत्रकारों से बातचीत में आजाद ने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर समेत दुनिया के किसी भी हिस्से में आतंकवाद जनता के हित में नहीं है. जनता को सबसे ज्यादा नुकसान होता है और उसे गरीबी तथा निरक्षरता का सामना करना पड़ता है. आतंकवाद के दौर से पहले जम्मू कश्मीर दुनियाभर के पर्यटकों के लिए सबसे प्रमुख स्थान था.’’
उन्होंने कहा कि पर्यटन पिछले दो वर्ष में बहाल किया गया है, क्योंकि शांति सभी के लिए फायदेमंद है. उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए.’’ डीपीएपी नेता ने केंद्र शासित प्रदेश में ‘‘हमलों और पथराव की संस्कृति खत्म’’ करने का श्रेय भी केंद्र सरकार को दिया.
जम्मू क्षेत्र के राजौरी तथा पुंछ जिलों में आतंकी घटनाएं बढ़ने पर उन्होंने कहा कि यह पूरे देश, लोगों तथा सीमावर्ती प्रदेश के लिए चिंता की बात है. दोनों जिलों में अक्टूबर 2021 के बाद से आठ आतंकवादी हमलों में 26 सुरक्षाकर्मियों तथा नौ नागरिकों की मौत हुई है.
आजाद ने कहा, ‘‘राजौरी-पुंछ क्षेत्र में इस साल तीन बड़ी घटनाएं हुईं, जिसमें निर्दोष लोगों की जान गई. ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि लोगों को क्षेत्र से आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों के साथ हाथ मिलाना चाहिए.
आजाद ने जम्मू कश्मीर में जल्दी विधानसभा चुनाव कराने की अपनी मांग भी दोहरायी और कहा कि उपराज्यपाल प्रशासन से कहीं ज्यादा बेहतर एक निर्वाचित सरकार है, क्योंकि 90 निर्वाचन क्षेत्रों में विधानसभा के सदस्य बेहतर तरीके से लोगों की समस्याएं हल करने में मदद कर सकते हैं.
भारत एक्सप्रेस
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