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फ्लाइट अटेंडेट नीरजा भनोट को याद कर रहा है देश,अपनी जान देकर की थी विमान यात्रियों की रक्षा

नीरजा भनोट को आज पूरा देश याद कर रहा है..नीरजा भनोट एक फ्लाइट अटेंडेंड थी जिनकी 5 सितंबर 1986 को पैन एम विमान में सवार अपहरणकर्ताओं ने हत्या कर दी थी। इस हमले में नीरजा भनोट ने अपनी जान देकर 359 लोगों की जान बचा ली थी. नीरजा को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च सैनिक सम्मान से नवाजा गया। नीरजा को अशोक चक्र से भी सम्मानित किया गया। नीरजा इस सम्मान को पाने वाली देश की पहली आम नागरिक थीं। पाकिस्तान ने भी नीरजा को भी तमगा-ए इंसानियत से नवाजा था।

नीरजा को अदम्य साहस और बेमिसाल बहादुरी के लिए जाना जाता है। नीरजा भनोट पैन एम एअरलाइंज़ में फ्लाइट अटेंडेंट थीं। 7 सितंबर, 1963 को पिता हरीश भनोट के यहाँ चंडीगढ़ में उनका जन्म हुआ, माँ बाप की लाडली नीरजा ने मुंबई से पढ़ाई पूरी की और शादी कर कतर की राजधानी दोहा में सेटल हो गयीं। लेकिन दो महीने बाद ही दहेज के लिए दबाव और प्रताड़ना के कारण अपने माता पिता के पास वापिस लौट आयीं। फिर पैन एम में विमान सहायिका के तौर पर काम करने लगीं।
5 सितंबर 1986 की वो तारीख इतिहास में दर्ज हो गई। आज ही के दिन आतंकियों ने कराची के रास्ते मुंबई से अमेरिका जाने वाले विमान को हाईजैक कर लिया था। मुंबई से उड़ान भरने वाला विमान पैन एम फ्लाइट-73 कराची पहुंचते हुई हाईजैक हो गया था।

आतंकवादी सुरक्षाकर्मियों की वर्दी में विमान के अंदर घुस गए। विमान में घुसते ही अबू निदाल संगठन के आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर फ्लाइट को कब्जे में ले लिया। आतंकी इस विमान को इजरायल ले जाकर क्रैश कराना चाहते थे। उस समय विमान में 379 लोग मौजूद थे।
आतंकियों ने प्लेन की एयरहोस्टेस नीरजा भनोट से सभी यात्रियों का पासपोर्ट जमा करने को कहा। लेकिन नीरजा इस संकट की घड़ी में असाधारण हिम्मत का परिचय दिया। उन्होंने आतंकियों की धमकी को अनदेखी करते हुए विमान में सवार यात्रियों को आपातकालीन दरवाजे से बाहर निकालना शुरू किया। इस पर आतंकवादियों ने यात्रियों पर फायरिंग शुरू कर दी। इस गोलीबारी में नीरजा समेत 20 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इसके बाद आतंकी फरार हो गए।

नीरजा के हत्यारे अभी भी गिरफ्त से बाहर हैं। हालांकि अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई ने जून में नीरजा भनोट के हत्यारों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जारी की है। इन आतंकियों पर 50 लाख अमेरिकी डॉलर का ईनाम है। यह सभी आतंकी एफबीआई की मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में शामिल हैं।



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