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ऐतिहासिक राजपथ को अब कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नए ‘कर्तव्य पथ’ और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का उद्घाटन करेंगे।केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कारण स्पष्ट करते हुए कहा कि राजपथ का नाम कर्तव्य पथ इसलिए किया गया है क्योंकि हम आजादी के 75 सालों बाद भी एक उपनिवेशी मानसिकता लिए हुए हैं. नयी दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने बुधवार को एक विशेष बैठक के बाद नाम बदलने की मंजूरी दे दी है.
राजपथ का नाम बदलकर ‘कर्तव्यपथ’ करना उपनिवेशी मानसिकता को खत्म करना है। लोकसभा सांसद मीनाक्षी लेखी ने ट्वीट करके बताया जिसका अर्थ ‘शासन करने का अधिकार’ नहीं बल्कि ‘सेवा करने का कर्तव्य’ है। उन्होंने कहा, “इस ऐतिहासिक फैसले पर सभी नागरिकों को बधाई। यह इस अमृतकाल में मातृभूमि की सेवा करने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगा।”
इससे पहले बुधवार को नई दिल्ली नगर परिषद ने राजपथ का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। अनुमोदन के बाद, इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक के पूरे खंड और क्षेत्र को अब कर्तव्य पथ कहा जाएगा।
प्रधानमंत्री इस अवसर पर इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे। ये कदम अमृत काल में नए भारत के लिए प्रधानमंत्री के दूसरे ‘पंच प्राण’ के अनुरूप हैं।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा, जिसका अनावरण प्रधानमंत्री द्वारा किया जाएगा, उसी स्थान पर स्थापित किया जा रहा है, जहां इस साल की शुरूआत में पराक्रम दिवस पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया था। ग्रेनाइट से बनी यह प्रतिमा हमारे स्वाधीनता संग्राम आंदोलन में नेताजी के अपार योगदान के लिए एक उपयुक्त श्रद्धांजलि है और उनके प्रति देश के ऋणी होने का प्रतीक होगी। अरुण योगीराज एक मुख्य मूर्तिकार हैं। उनके द्वारा तैयार की गई 28 फीट ऊंची प्रतिमा को एक ग्रेनाइट पत्थर से उकेरा गया है और इसका वजन करीब 65 मीट्रिक टन है।
–आईएएनएस
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