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Rajasthan Politics: पायलट को लेकर नरम पड़े अशोक गहलोत के सुर, सहयोग के सवाल पर जानिए क्या कहा

Rajasthan Politics: सचिन पायलट को लेकर सीएम गहलोत के तेवर नरम पड़े हैं, जिसके बाद यह माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच तल्खियां कुछ कम हुई हैं.

Sachin Pilot and Ashok Gehlot

सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत (फोटो- IANS)

Rajasthan Politics: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और पार्टी के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट के बीच रार खत्म करने की एक और कोशिश के तहत सोमवार को अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर दोनों नेता पहुंचे थे. रात साढ़े बजे मीटिंग खत्म होने के बाद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट मिलकर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. इसको दोनों कांग्रेस नेताओं के बीच सुलह के तौर पर देखा जा रहा है.

दूसरी तरफ, सचिन पायलट को लेकर सीएम गहलोत के तेवर नरम पड़े हैं, जिसके बाद यह माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच तल्खियां कुछ कम हुई हैं. क्या सचिन पायलट सहयोग करेंगे? उन्होंने आलाकमान के साथ बैठक में क्या भरोसा दिया है? जब ये सवाल सीएम अशोक गहलोत से किए गए तो उन्होंने कहा,”हाईकमान के साथ मिलने के बाद कोई सहयोग क्यों नहीं करेगा. विश्वास देकर ही विश्वास जीता जाता है. हाईकमान ने हमपर विश्वास किया है. अगर हम सब मिलकर चलेंगे तो सरकार हमारी आएगी.”

अशोक गहलोत ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की एक बात दोहराई और कहा, “सोनिया गांधी ने एक बार कहा था कि जो धैर्य रखता है उसको कभी न कभी मौका मिलता ही मिलता है. आज तक पार्टी में वफादारी से रहे हैं, आगे भी रहेंगे.”

गहलोत ने कहा, “और मैं तीन बार मंत्री भी रहा हूं और पार्टी ने मुझे सब कुछ दिया है. आज यह मेरा कर्तव्य है कि मैं वह काम करूं जो आलाकमान चाहता है कि चुनाव जीतें और वह भूमिका निभाएं जो वे करना चाहते हैं. मेरे पास लोगों के लिए सभी तरह की योजनाएं हैं.”

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तीन साल से जारी है खींचतान

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी में करीब तीन साल से उथल-पुथल की स्थिति बनी हुई है. सचिन पायलट ने नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर बगावत कर दी थी, इसके बाद उन्हें डिप्टी सीएम के पद से हटा दिया गया और फिर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी से भी मुक्त कर दिया गया था. वहीं सचिन पायलट और सीएम गहलोत के बीच आए दिन जुबानी जंग देखने को मिलती है. हाल ही में उन्होंने सरकार के सामने तीन मांगें रखते हुए चेतावनी दी थी, कि अगर उनकी मांगों पर अमल नहीं किया गया तो वे आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे.

-भारत एक्सप्रेस

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