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महारानी एलिजाबेथ-द्वितीय नहीं रहीं, प्रिंस चार्ल्स ने संभाला ब्रिटिश सिंहासन

Queen Elizabeth II is no more, Prince Charles takes over the British throne

Queen Elizabeth II is no more, Prince Charles takes over the British throne

लंदनब्रिटेन के इतिहास में सबसे लंबे समय तक 70 साल तक ताज के उत्तराधिकारी रहे 73 वर्षीय प्रिंस चार्ल्स ब्रिटिश सिंहासन पर आसीन हो गए हैं।

उनकी मां महारानी एलिजाबेथ-द्वितीय (96) का निधन हो गया। उन्होंने 1952 में गद्दी संभाली थी। उनसे पहले महारानी विक्टोरिया ने 63 साल तक शासन किया था। विक्टोरिया 1901 तक महारानी रहीं थी।एलिजाबेथ अन्य क्षेत्रों में कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की महारानी भी रह चुकी हैं।

एलिजाबेथ ने स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल में अंतिम सांस ली, जो उनके चार ‘शाही’ आवासों में से एक और संभवत: उनका पसंदीदा भी था। अंतिम क्षणों में उनके साथ रहने के लिए दूर-दूर से उनके परिवार के सदस्य पहुंच गए थे। चार्ल्स के अलावा, उनके बड़े बेटे विलियम, चार्ल्स की बहन ऐनी, भाई एंड्रयू और एडवर्ड और उनकी पत्नी कैमिला मौजूद रही।

एलिजाबेथ असाधारण रूप से लोकप्रिय थीं और इसलिए उनका व्यापक रूप से सम्मान किया जाता था। उन्होंने ब्रिटिश राजतंत्र को वैचारिक रूप से लोकप्रिय बनाया था।
यूगोव के एक सर्वेक्षण ने चार्ल्स की लोकप्रियता को ब्रिटिश लोगों के बीच 42 प्रतिशत पर रखा, जिसमें 24 प्रतिशत उन्हें नापसंद करते थे और 30 प्रतिशत तटस्थ थे। वह दशकों से पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करते रहे। वह जैविक भोजन और शास्त्रीय वास्तुकला को भी महत्व देते हैं।

पर एक स्वाभाविक प्रश्न लोगों के जेहन में उठ रहा है कि क्या चार्ल्स को खुद ही राष्ट्रमंडल का प्रमुख बन जाना चाहिए। लेकिन यह 53 राष्ट्रों के संगठन के नेताओं द्वारा प्रभावी ढंग से तय किया गया था, जिसमें भारत के इस कदम का समर्थन भी शामिल था। वह वास्तव में रवांडा में इस साल की शुरुआत में आयोजित शिखर सम्मेलन सहित राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठकों में एलिजाबेथ की ओर से कार्य कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महारानी एलिजाबेथ-द्वितीय को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्हें ‘हमारे समय की दिग्गज’ के रूप में याद किया जाएगा। पीएम मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए एक ट्वीट में कहा, “महामहिम महारानी एलिजाबेथ-द्वितीय को हमारे समय के एक दिग्गज के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने अपने देश और लोगों को प्रेरक नेतृत्व प्रदान किया। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में गरिमा और शालीनता का परिचय दिया। उनके निधन से दुखी हूं। इस दुखद घड़ी में मेरे विचार उनके परिवार और यूके के लोगों के साथ हैं

–आईएएनएस



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