फोटो-सोशल मीडिया
Baobab Tree: सोशल मीडिया पर एक पेड़ की हैरान कर देने वाली कहानी वायरल हो रही है. वैसे तो आपने सभी पेड़ों को नीचे जड़ें और ऊपर पत्तियों के साथ देखा होगा लेकिन दुनिया के एक हिस्से में एक ऐसा पेड़ भी है जिसे देखने से लगता है माने वो उल्टा खड़ा हो और उसकी जड़ें ऊपर और तना नीचे हो. यही वजह है कि इसे “उल्टा पेड़” भी कहा जाता है. इसको लेकर एक दिलचस्प कहानी प्रचलित है कि इस पेड़ में 4 लड़कियां कैद हैं. फिलहाल इस पेड़ को Tree Of Life भी कहते हैं. वैज्ञानिकों ने इसकी उत्पत्ति को लेकर दावा किया है.
दवा के रूप में इस्तेमाल होती है इसकी पत्तियां
दरअसल हम यहां बात कर रहे हैं प्राचीन बाओबाब पेड़ों की. पतझड़ के मौसम में इन पेड़ों को देखने में लगता है मानो ये उल्टा खड़े हों. हालांकि ऐसा नहीं है. ये पेड़ काफी विशाल होता है. इन पेड़ों के फल और पत्तों का दवाओं के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इन पेड़ों के लिए कहा जाता है कि कुछ तो इतने बड़े होते हैं कि उनके तनों में एक लाख लीटर तक पानी भरा जा सकता है. इसमें सफेद रंग के फूल निकलते हैं जो रात में ही खिलते हैं और इसमें रात वाले कीट बैठते हैं.
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रिसर्च में ये बातें आई सामने
लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एंड्रयू लीच और उनकी पत्नी डॉ. इलिया लीच ने इन पेड़ों को लेकर रिसर्च की है जिसमें सामने आया है कि इस पेड़ के बीज हिन्द महासागर में गिरे और वहां से तैरते हुए करीब एक करोड़ साल पहले ऑस्ट्रेलिया और फिर अफ्रीका पहुंचे.हजारों सालों तक ये पेड़ जीवित रह सकते हैं. इनके तने इतने बड़े होते हैं कि इसमें बड़ी मात्रा में पानी जमा हो सकता है.
ये भी है इसका नाम
जहां बाओबाब ‘उल्टा पेड़’ के नाम से जाना जाता है तो वहीं इसे Tree Of Life, यानी ‘जीवन का पेड़’ के नाम से भी जानते हैं. ये पेड़ सदियों से वैज्ञानिकों के लिए रहस्य बना हुआ है लेकिन वैज्ञानिकों ने इसके बारे में तमाम बातें खोज निकाली हैं. ये पेड़ 6000 साल तक जिंदा रहते हैं.
तने में रह सकते हैं 40 लोग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये पेड़ 20 से 100 फीट तक ऊंचे होते हैं. जिम्बाब्वे में एक प्राचीन खोखला बाओबाब पेड़ इतना विशालकाय है कि इसके तने के अंदर 40 लोग रह सकते हैं. मध्य प्रदेश के प्राचीन शहर मांडू में भी इसके हजारों पेड़ देखने को मिलते हैं. इनके फलों को सुपरफूड माना जाता है.
ये कथा है प्रचलित
बाओबाब पेड़ों को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं जिसमें से एक है कि इन पेड़ों के नीचे 4 लड़कियां रहती थीं. उनको जब इंसानों से प्यार हुआ, तो पेड़ को जलन होने लगी. इस पर पेड़ों ने गुस्से में उन लड़कियों को अपने अंदर ही कैद कर लिया. मान्यता है कि इन पेड़ों से कैद लड़कियों की आवाज भी सुनाई देती है. कहा जाता है कि वे लड़कियां अभी भी पेड़ों के अंदर कैद हैं. इसीलिए ये इतना मोटा होता है.
अफ्रीका में होती है पूजा
इन पेड़ों के तनों का उपयोग फाइबर बनाने के लिए किया जाता है, जिनसे रस्सियां और कपड़े बनाए जाते हैं.अफ्रीका में इन पेड़ों की पूजा की जाती है. स्थानीय लोग इन पेड़ों को ‘जंगल की मां’ भी कहते हैं.
ऐसे पहुंचे ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका
इन पेड़ों को लेकर नेचर में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है जिसमें बताया गया है कि डीएनए टेस्ट में इन पेड़ों को लेकर पता चला है कि 2.10 करोड़ साल पहले मेडागास्कर में ये पेड़ पैदा हुए. इसके बाद समुद्र के जरिए ऑस्ट्रेलिया और फिर अफ्रीका पहुंच गए. इसके बाद यहां पर इसकी कई प्रजातियां विकसित हुईं.
-भारत एक्सप्रेस
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