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Ghost Shopping Mall: जानें क्या होता है घोस्ट शॉपिंग मॉल, क्या वाकई यहां पर रहते हैं भूत?

रिपोर्ट की मानें तो 64 शॉपिंग मॉल में करीब सवा करोड़ स्कवॉयर फीट जगह खाली पड़ी हुई है.

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सांकेतिक फोटो-सोशल मीडिया

Ghost Shopping Mall: आपने अभी तक मॉल का नाम तो सुना ही है और शापिंग करने के लिए भी जाते हैं लेकिन क्या घोस्ट मॉल का नाम सुना है और क्या जानते हैं कि ये क्या है? हालांकि इसके नाम को सुनकर एक बार ये सवाल जरूर दिमाग में उठता है कि क्या यहां पर भूत रहते हैं या फिर क्या भूतों वाला भी कोई मॉल होता है? हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिन पर दिन घोस्ट मॉल की संख्या बढ़ती जा रही है. तो आइए जानते हैं क्या है घोस्ट मॉल और क्यों बढ़ रही है इनकी संख्या?

आज कल भारत सहित दुनिया भर के तमाम लोगों की शॉपिंग करने के लिए पहली पसंद मॉल ही बन चुके हैं. इसकी वजह भी है क्योंकि एक ही छत के नीचे तमाम जरूरी चीजें लोगों को उपलब्ध रहती हैं. तो वहीं इस बीच भारत के मेट्रो सिटी में तेजी से मॉल की संख्या बढ़ी है लेकिन इसी बीच सोशल मीडिया पर “घोस्ट मॉल” शब्द तेजी से वायरल हो रहा है. दरअसल जितनी तेजी से मॉल की संख्या बढ़ रही है उतनी तेजी से मॉल के बंद होने की भी संख्या बढ़ रही है.

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जानें क्या कहती है ये रिपोर्ट

दुनिया के प्रॉपर्टी मार्केट पर नजर रखने वाली संस्था नाइट फ्रैंक इंडिया के अनुसार जिस शॉपिंग मॉल का 40 फीसदी हिस्सा खाली होता है, उसे घोस्ट शॉपिंग मॉल कहा जाता है. इस मामले में दिल्ली-एनसीआर सबसे आगे है तो वहीं दूसरे नम्बर पर मुम्बई है और तीसरे नंबर पर बेंगलुरु है. यहां पर साल 2022 में घोस्ट मॉल की संख्या 57 थी, जबकि अब यही संख्या बढ़कर 2023 में 64 हो गई है. रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में लोगों को आकर्षित नहीं करने वाली रिटेल एसेट की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.

खाली है इतनी जगह

रिपोर्ट की मानें तो 64 शॉपिंग मॉल में करीब सवा करोड़ स्कवॉयर फीट जगह खाली पड़ी हुई है. भारत की राजधानी दिल्ली और एनसीआर के तमाम इलाकों में घोस्ट शॉपिंग मॉल की संख्या सबसे अधिक हो गई हैं. रिपोर्ट के मुताबिक घोस्ट मॉल की बढ़ती संख्या को लेकर 29 शहरों में हुए सर्वे से पता चलता है कि छोटे-छोटे शॉपिंग मॉल बंद होने की कगार पर हैं. तो दूसरी ओर एक लाख वर्ग फुट क्षेत्रफल वाले 132 शॉपिंग मॉल बंद होने के कगार पर हैं. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 2022 में इनमें खाली पड़ी दुकानों की संख्या 33.5 प्रतिशत थी, जो 2023 में बढ़कर 36.2 प्रतिशत हो गई है.

जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

तेजी से बढ़ती घोस्ट मॉल की संख्या को लेकर जानकार कहते हैं कि एक समय ऐसा था जब अधिकतर लोग शॉपिंग करने के लिए मॉल में जाते थे लेकिन अब लोग ऑनलाइन शॉपिंग को अधिक सुविधाजनक मानने लगे हैं. इसकी वजह कोविड भी है. कोरोना काल के दौरान लगे लॉकडाउन के दौरान से ही लोगों में ऑनलाइन शॉपिंग की आदत पड़ चुकी है, जिसकी वजह से अब लोग मॉल में न जाकर घर पर सामान मंगा लेते हैं.

-भारत एक्सप्रेस



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