मेगालोडन शार्क, अब तक की सबसे बड़ी शार्क थी.
The Largest Shark that Ever Lived: 19 जनवरी 2014 को, एक ऐसी घटना घटी थी, जिसने अमेरिकी एजेंसी NASA को, जो हमेशा आकाश की ओर देखता है, समुद्र की दुनिया की ओर देखने के लिए मजबूर कर दिया और यह सवाल खड़ा कर दिया कि समुद्र इतना रहस्यमय क्यों है. यहां हम आपके समक्ष उस घटना का विस्तार से वर्णन करेंगे. जिससे आपको दुनिया की सबसे बड़ी शार्क से जुड़ी दिलचस्प बातें जानने को मिलेंगी.
दरअसल, NASA के Aqua Satellite ने ब्राज़ील के दक्षिण-पूर्वी तट की एक तस्वीर ली थी. अटलांटिक महासागर की एक तस्वीर ली गई, जिसमें लगभग 800 किलोमीटर का काला आकाश देखा गया, और उसे देखकर शोधकर्ता हैरान रह गए, जो कि एक बहुत दूर मौजूद सूक्ष्म जीव था. लेकिन जब उन्होंने इस तस्वीर को ज़ूम किया, तो शोधकर्ता और भी चौंक गए. जब उन्होंने ज़ूम किया, तो वहां वे एक विशाल शार्क मछली को देख रहे थे. यह सबसे चौंकाने वाली बात थी.
जब उन्होंने तस्वीर का रिज़ॉल्यूशन लिया तो उसे देखकर वे वास्तव में चौंक गए. इसी रिज़ॉल्यूशन की दूसरी तस्वीर के साथ इस शार्क की तुलना की गई, तो उन्होंने पहली बार समझा कि वह सबसे बड़ी शार्क थी, जो कम से कम 70 फीट लंबी थी.
चौंकाने वाली बात यह भी थी कि वह शार्क जिसे वे देख रहे थे, वह 30,000 साल पहले विलुप्त हो चुकी थी. फिर, यह अचानक कैसे आई और कैसे दिखाई दी? क्या मेगालोडोन शार्क अभी भी समुद्र में मौजूद है? समुद्र इतना रहस्यमय क्यों है? यह इन बड़े जीवों को कैसे जन्म दे रहा है? यह शार्क की कहानी क्या है? क्या मेगालोडोन शार्क अभी भी जीवित थीं? ऐसे बहुत-से सवाल शोधकर्ताओं के सामने उमड़ आए.
शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि 30,000 साल पहले, मेगालोडोन शार्क समुद्र की गहराइयों में रहा करती थी. यह शार्क आज की शार्क की तुलना में कई गुना बड़ी थी. एक छोटी नाव, आम तौर पर, 15 फीट लंबी होती है, और एक सामान्य शार्क की लंबाई अधिकतम 20 फीट होती है. और मेगालोडोन शार्क की लंबाई ज्यादा से ज्यादा 20 फीट हो सकती है. लेकिन, इस मेगालोडोन शार्क का आकार 60-80 फीट लंबा था, और चौड़ाई में भी, यह लगभग 9 फुट की थी. 60 फीट लंबी, इस शार्क का जबड़ा लगभग 3 मीटर लंबा होता था. इसका मतलब है, मोमबत्ती की रोशनी में डिनर करते समय, यह शार्क आपको आसानी से पकड़ सकती है.
11 फीट तक चौड़े थे इस शार्क के जबड़े
मेगालोडोन के जबड़े में लगभग 270 नुकीले दांत थे. और उसके दांत 3-7 इंच लंबे थे. इतना ही नहीं, एक मेगालोडोन शार्क का वजन लगभग 100 टन था, और उन्हें हर दिन कम से कम 1 टन खाना खाने की जरूरत होती थी. मेगालोडोन शार्क के काटने की शक्ति इतनी थी कि वह आसानी से कछुए के खोल को तोड़ सकती थी.
इसका मतलब है कि मेगालोडोन की काटने की शक्ति इतनी उच्च दबाव उत्पन्न करती थी जैसे कि आपके पास 1 टन का वजन हो. वर्तमान में मौजूद महान सफेद शार्क की तुलना में यह 10 गुना अधिक शक्तिशाली है. यही कारण है कि मेगालोडोन शार्क, व्हेल जैसी बड़ी मछलियों का भी आसानी से शिकार कर सकती थी.
बच्चों का वजन 1 टन, आकार 10 फीट होता था
एक इंसान के बच्चे का वजन 3.5 किलोग्राम होता है, लेकिन मेगालोडोन के बच्चों का वजन लगभग 1 टन और आकार 10 फीट होता था. समुद्र की खाद्य श्रृंखला में, मेगालोडोन सबसे धांसू होती थी, यानी, समुद्र में तब उसकी बराबरी में कोई नहीं था. अब भी बहुत सारी प्रजातियां नहीं हैं, जो मेगालोडोन का शिकार कर सकती हों. और यही कारण है कि मेगालोडोन शार्क समुद्र में लाखों वर्षों तक रहीं.
अब एक सवाल उठता है कि 30,000 साल पहले, आखिर क्या हुआ कि मेगालोडोन शार्क का समुद्र में कोई नामोनिशान नहीं रहा. किसने इस विशालकाय शार्क को समाप्त कर दिया?
कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार, अंतरिक्ष में एक सुपरनोवा विस्फोट हुआ था, जो पृथ्वी से बहुत दूर था, उससे तीव्र ऊर्जा आई. उसने पृथ्वी के जलवायु को बदल दिया. और इस जलवायु परिवर्तन के कारण यह शार्क हमेशा के लिए पृथ्वी से गायब हो गईं. लेकिन हाल के एक शोध के अनुसार, यह सुपरनोवा विस्फोट मेगालोडोन के गायब होने से कई वर्षों पहले हुआ था. फिर सवाल यह है कि मेगालोडोन गायब क्यों हुई.
कम तापमान से पैदा हुआ इन शार्क के लिए खतरा
वैज्ञानिकों के अनुसार, पृथ्वी पर विकास की प्रक्रिया में नए जीव विकसित होते हैं. 30,000 साल पहले, समुद्र का अधिकांश तापमान कम होना शुरू हो गया था. मेगालोडोन के लिए, यह कम तापमान खतरा बन गया था. उस दौरान छोटी मछलियों की संख्या बढ़ने लगी. दूसरी ओर, मेगालोडोन के लिए एक कारण था- भोजन की कमी, इसके अलावा वे शायद ठंडे तापमान में जीवित नहीं रह सकीं.
मेगालोडन गर्म पानी में रहने के लिए अनुकूलित थी
मेगालोडोन से जुड़ा एक अनुमान ये भी है कि उनकी प्रजनन क्षमता समाप्त हो गई होगी. समुद्र की गहराइयों में, कुछ ऐसी घटनाएँ लगातार सामने आई हैं. जिससे कई अजीब जीव उत्पन्न हुए हैं. और कई विशेषज्ञ मानते हैं कि गहराइयों में मेगालोडोन शार्क अभी भी जीवित है. 1875 में एक घटना हुई, जिसमें कुछ शोधकर्ताओं को दो बड़े दांत मिले. जब इन दांतों का कार्बन डेटिंग द्वारा परीक्षण किया गया, तो शोधकर्ताओं के दिमाग उड़ गए क्योंकि ये दांत 10,000 साल पुराने थे, और ये दांत किसी और के नहीं, बल्कि मेगालोडोन शार्क के थे.
यानी 10,000 साल पहले भी, मेगालोडोन शार्क जीवित थी. यही कारण है कि कुछ शोधकर्ता मानते हैं कि मेगालोडोन शार्क समुद्र की गहराइयों में पाई जा सकती है.
पहले किसी ने इन तस्वीरों को गंभीरता से नहीं लिया
1942 में, एक टीम ने एक तस्वीर खींची— जिसमें दो बड़े-बड़े मछली के पंख बहुत दूर से दिख रहे थे. पहले किसी ने इन तस्वीरों को गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन फिर कुछ गणितज्ञों ने एक पनडुब्बी के साथ तुलना करते हुए गणना की. वो एक शार्क था, जो लगभग 64 फीट लंबा था. लेकिन आज के समय में कोई भी शार्क इतनी लंबी नहीं मिलती. ऐसे में यह हो सकता है कि वायरल फोटो मेगालोडोन के जिंदा होने का प्रमाण ही हो.
अगर हम इसके वीडियो को देखें तो इंटरनेट पर वायरल हो रहे वीडियो में एक बहुत बड़ी शार्क तैरती हुई आ रही है. जब उस शार्क की लंबाई मापी गई, तो लोग चौंक गए. यह शार्क 40 फीट लंबी थी. लेकिन अगर उसे मेगालोडोन शार्क भी नहीं मानें, तो भी समुद्र में अभी भी कुछ ऐसे जीव हैं, जिन्हें हम नहीं जानते.
میگالوڈن شارک کے بارے مںد کئی رازہںی، جسےر کہ اس کے معدوم ہونے کی وجہ، اس کا سائز اور اس کے دانت۔
जब यह वीडियो इंटरनेट पर आया, तो यह वायरल हो गया. कुछ लोगों ने इसे फेक बताया. लेकिन फिर, जब कुछ शोधकर्ताओं ने इसे और जांचा, तो उन्हें पता चला कि वीडियो असली है. नासा की सैटेलाइट तस्वीरें और उपरोक्त सबूत कहीं न कहीं मेगालोडोन के जीवन की निशानी देते हैं.
– भारत एक्सप्रेस
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