स्पीलप्लाट्ज गांव में हर कोई करता है इस नियम का पालन
Unique Village:दुनिया में कई ऐसी जगह जो देखने में खूबसूरत तो लगती है लेकिन वहां अजीबोगरीब चीजें भी देखने को मिलती है. कहीं सुंदरता होती है तो किसी जगह की संस्कृति लोगों को अपनी ओर खींचती है. इन सबके बीच दुनिया में कुछ ऐसी जगहें भी है जहां पर लोग अजीबोगरीब परंपरा का पालन करते हैं. इस गांव के लोग 90 साल से एक अनोखें परंपरा का पालन करते आ रहे हैं. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे इस गांव की अजीबोगरीब परंपरा के बारे में.
कपड़े नहीं पहनते हैं इस गांव के लोग
ऐसी ही एक अजीबगरीब जगह ब्रिटेन में स्थित है. यहां पर एक ऐसा गांव है जहां लोग कपड़े नहीं पहनते हैं. अब आपको यह सुनकर यकीन नहीं हो रहा होगा लेकिन यह बिल्कुल सच है. खास बात तो ये है कि यहां रहने वाले न तो किसी ऐसी जनजाति से संबंध रखते हैं जहां कपड़े पहनने की मनाई है और न ही अभाव वाले हैं. गांव के लोगों के पास दो कमरों का बंगला भी है. इतनी ही नहीं यहां के लोग पैसे से संपन्न होने के बावजूद भी बिना कपड़ों के रहते हैं. हम जिस गांव की बात कर रहे हैं उसका नाम स्पीलप्लाट्ज है और यह हर्टफोर्डशायर में स्थित है.
बच्चों से लेकर बूढ़ों तक रहते हैं निर्वस्त्र
इस गांव में रहने वाले लोगों के पास सभी सुविधाएं हैं, लेकिन यहां के लोग मान्यताओं और परंपराओं का पालन करते हैं जिसकी वजह से कपड़े नहीं पहनते हैं. हम जिस गांव की बात कर रहे हैं उसका नाम स्पीलप्लाट्ज है और यह हर्टफोर्डशायर में स्थित है. इस गांव में बच्चों से लेकर बूढ़ों तक कोई कपड़ा नहीं पहनता है.
जर्मन भाषा में स्पीलप्लाट्ज का अर्थ खेल का मैदान होता है. हर्टफोर्डशायर में स्थित यह गांव ब्रिटेन की सबसे पुरानी कॉलोनियों में शामिल है. इस गांव में खूबसूरत मकान, स्विमिंग पूल और लोगों को पीने के लिए बीयर भी मिलती है. माना जाता है कि 90 साल से ज्यादा समय से लोग इस अनोखे गांव में इसी तरह से रह रहे हैं.
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85 सालों से चली आ रही ये परंपरा
स्पीलप्लाट्ज नाम का ये गांव कई बार सुर्खियां बटोर चुका है क्योंकि यहां लोग बिना कपड़ो के रहते हैं. इस गांव की परंपरा 85 सालों से चली आ रही है. यहां रहने वाले लोग कोई दुनिया से कटे नहीं हैं. वे पूरी तरह शिक्षित और अमीर भी हैं. आम लोगों की तरह उन्हें क्लबिंग, पब और स्वीमिंग पूल का भी शौक है. इसके बावजूद भी ये लोग न तो कपड़े पहनते हैं और न ही खरीदते हैं. बच्चे बूढ़े, महिला-पुरुष हर कोई यहां बिना कपड़ों के ही रहता है और उन्हें इसमें कुच भी असहज नहीं लगता है. इस गांव को साल 1929 में इसुल्ट रिचर्सडन ने खोजा था.
पर्यटकों पर भी लागू है ये नियम
इसके अलावा यहां पर लोग घूमने के लिए भी आते हैं उनके लिए भी वही परंपरा है अगर उन्हें यहां रहना है तो बिना कपड़ों के ही रहना पड़ेगा. हालांकि सर्दियों में लोग कपड़े पहन सकते हैं या फिर अगर उनकी इच्छा है तो भी कपड़े पहनने पर उन्हें कोई रोकेगा नहीं. साथ ही गांव से बाहर जाते हुए भी लोग कपड़े पहन लेते हैं लेकिन वापस आते ही वो फिर से बिना कपड़ो के रहने लगते हैं. लोग आजादी महसूस करने के लिए ऐसा करते हैं. पहले कुछ सामाजिक संस्थाएं इसका विरोध करती थीं लेकिन अब कोई कुछ नहीं कहता.
-भारत एक्सप्रेस