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Satish Kaushik Death: सतीश कौशिक की संदिग्ध मौत के आरोपों के बीच DCP को जांच से हटाकर भेजा गया छुट्टी पर!

पुलिस का कहना है कि अभिनेता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया है. सामान्य तौर पर ऐसे मामलों में पोस्टमार्टम नहीं कराया जाता.

SATISH kAUSHIK

दिवंगत फिल्म निर्माता और कलाकार सतीश कौशिक (फोटो ट्विटर)

फिल्म अभिनेता सतीश कौशिक की मौत को लेकर उठ रहे सवालों के बाद भले ही दिल्ली पुलिस कुछ भी दलील दे, मगर हकीकत यह है कि महकमे के दामन पर उछले कीचड़ के बाद जिला पुलिस उपायुक्त को छुट्टी पर भेज दिया गया है.

होली की रात फिल्म अभिनेता सतीश कौशिक के अकस्मात निधन की खबर ने राजधानी दिल्ली से फिल्म नगरी मुंबई तक, उनके सभी चाहने वालों को हैरान कर दिया. प्रारंभिक जानकारी के दौरान मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया. लेकिन अगले ही दिन सामने आई ख़बरों के बाद दिल्ली पुलिस कठघरे में खड़ी थी. खबर आ रही थी कि अभिनेता सतीश कौशिक की मौत बलात्कार के आरोपी गुटखा किंग विकास मालू के फार्म हाउस में “संदिग्ध हालत” में हुई थी. इस मामले में दिल्ली पुलिस के कुछ आला अफसरों सहित एक DCP की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे थे.

क्या लग रहा है आरोप

सूत्रों के अनुसार होली पर आयोजित पार्टी के दौरान दो दलालों ने लड़कियां उपलब्ध कराई थी. जानकारी यह भी सामने आई कि पार्टी में प्रतिबंधित दवाओं का प्रयोग किया गया. इस बारे में पूछने पर अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजीव कुमार कहते हैं सीसीटीवी फुटेज से जानकारी मिली है कि पार्टी में कुछ फैमिली शामिल थी. अभी तक लड़कियां सप्लाई करने की बात सामने नहीं आई है. लेकिन आरोपों की पुष्टि या इनकार, छानबीन पूरी होने पर ही संभव है.

DCP की छुट्टी

इस मामले में आला अफसरों के दागदार दामन से कालिख मिटाने में जुटी दिल्ली पुलिस भले ही कुछ भी कहे, मगर हकीकत कुछ और ही इशारा कर रही है. शायद यही वजह है कि इलाके के DCP सी. मनोज को जांच से अलग कर दिया गया है. सूत्रों की मानें तो लग रहे आरोपों के बाद उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया है. इस मामले में उनसे बात करने का प्रयास किया गया तो मोबाइल बंद मिला. जब अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजीव कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि घटना के बाद DCP के छुट्टी पर जाने के कारण, वही यह मामला देख रहे हैं.

क्या कहा पुलिस ने

होली की रात गुरुग्राम के फोर्टिज अस्पताल से कापसहेड़ा थाने को सतीश कौशिक की मौत की सूचना मिली. जिन्हें पुष्पांजलि फार्म हाउस से वहां ले जाया गया था. वह 08 मार्च को अपने मैनेजर के साथ मुंबई से दिल्ली आए और विकास मालू के घर में रुके थे. उन्होंने तीन बजे तक होली खेली और आराम करने चले गए. रात करीब नौ बजे उन्होंने खाना खाया और फिर टहलने के बाद अपने कमरे में चले गए. रात करीब 12 बजे उन्होंने अपने मैनेजर को बुलाकर बेचैनी और सीने में दर्द की बात बताई. तब उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया. जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

क्यों कराना पड़ा पोस्टमार्टम

पुलिस का कहना है कि अभिनेता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया है. सामान्य तौर पर ऐसे मामलों में पोस्टमार्टम नहीं कराया जाता. पुलिस का दावा है कि अभिनेता के परिजनों ने भी कोई शक नहीं जताया है तो सवाल उठता है कि पुलिस ने पोस्टमार्टम क्यों कराया? पुलिस का कहना है कि रात करीब 2:22 बजे फोर्टिज हॉस्पिटल ने उन्हें अभिनेता सतीश कौशिक की मौत की सूचना दी थी. चूंकि हॉस्पिटल ने इस मामले में MLC बना दी थी तो भविष्य में उठने वाले सवालों को ध्यान में रखकर CRPC 174 की कार्रवाई करते हुए पोस्टमार्टम कराया गया.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

मेडिकल एक्सपर्ट की मानें तो मौत का कारण हार्ट-अटैक तो हो सकता है. लेकिन सवाल यह भी उठता है कि हार्ट-अटैक क्यों आया? इन मामलों में केवल पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर मौत को सामान्य करार नहीं दिया जा सकता. ऐसे मामलों में मृतक के रक्त सहित उसका बिसरा संरक्षित किया जाता है. जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाता है. ऐसे में सवाल उठता है कि पुलिस मौत का कारण हार्ट-अटैक बोलकर इसे सामान्य मामला दिखाने की जल्दबाजी क्यों कर रही है?

मालू के पारिवारिक विवाद

पुलिस सूत्रों के अनुसार गुटखा किंग विकास मालू का पहली पत्नी से तलाक हुआ तो उन्होंने अपनी PA से दूसरी शादी कर ली. बीते साल उसी दूसरी पत्नी ने मालू के खिलाफ रेप का मामला दर्ज करा दिया. इस मामले में अदालत के आदेश पर उसके खिलाफ जारी LOC को अदालत के आदेश पर ही वापस ले लिया गया था. इस मामले में मालू ने अग्रिम जमानत के लिए भी आवेदन किया, मगर अदालत ने उसे ख़ारिज कर दिया. बाद में पुलिस ने उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया.

मालू ने कहा बदनाम ना करें

विकास मालू ने अभिनेता की संदिग्ध मौत की खबरें सामने आने के बाद शनिवार सुबह अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा कि “सतीश जी पिछले 30 सालों से मेरा परिवार थे. उनको लेकर मेरे नाम का गलत इस्तेमाल करने में दुनिया को मिनट भी नहीं लगा. एक उत्सव के बाद हुई त्रासदी को हम कभी नहीं भूल सकते. मैं अपनी चुप्पी तोडकर कहना चाहता हूं कि त्रासदी हमेशा अप्रत्याशित होती है और इस पर किसी की नियंत्रण नहीं होता. इसके साथ ही मैं मीडिया से अनुरोध करना चाहता हूं कि वह सब की भावनाओं का सम्मान करें. हमारे आने वाले सभी समारोहों में सतीश जी की कमी हमेशा खलेगी”.

-भारत एक्सप्रेस

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