इंग्लैंड जैसा लगता था ब्रिटिशों को भारत का शिमला
पुस्तक में शिमला शहर के सफर का हर पन्ना एक नई दास्तान बयां करता है। शहर के जन्म से लेकर यौवन तक की अद्भुत गाथा इतिहास के पन्नों में गहराई के साथ दर्ज है।
सीएए को लेकर अफवाहों के बीच क्या है इसकी वास्तविकता
एक और ग़लतफ़हमी इस डर के इर्द-गिर्द घूमती है कि सीएए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का पूर्ववर्ती है और इससे कुछ समुदायों, विशेषकर मुसलमानों को बाहर किया जा सकता है.
दाण्डी मार्च की सालगिरह: जब ब्रिटिश को नमक मिर्चेदार लगा था !!
के. विक्रम राव की कलम से: ठीक 53 वर्ष हुये आज से, (12 मार्च 2024) मेरे पत्रकारी व्रत (अब वृत्ति) का प्रथम दशक था. अहमदाबाद के आश्रम रोड (नवरंगपुरा) पर हमारा दफ्तर (टाइम्स आफ इंडिया) रहा, अभी भी है.
सवाल गुणवत्ता का !
दिल्ली एनसीआर में हुई यह घटनाएं सीधे-सीधे इन शॉपिंग मॉल्स के निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाती हैं। गुणवत्ता में हुई लापरवाही ही इस हादसे का कारण बनी।
किसान आंदोलन के समय याद आते हैं स्वामी सहजानंद सरस्वती
भारतीय राजनीति में जब भी किसानों की चर्चा होती है तो उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहली बार संगठित करने वाले दंडी स्वामी 'स्वामी सहजानन्द सरस्वती' की याद बरबस आ जाती है।
असम में ‘जादू-टोने’ के खिलाफ पारित बिल जादूई उपचार (मैजिकल ट्रीटमेंट ) से क्यों है ईसाई समाज को नाराजगी?
इस विधेयक का प्राथमिक प्रयास बहरापन, गूंगापन, अंधापन, शारीरिक विकृति और ऑटिज्म (एक दिमागी ) जैसी कुछ जन्मजात बीमारियों के इलाज के नाम पर जादुई उपचार को प्रतिबंधित करना है.
दल-बदल पर लोकतंत्र की दुहाई, क्या अपना इतिहास भूल गई कांग्रेस पार्टी?
अभी कुछ दिन पहले ही कांग्रेस की सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता ताल ठोक रहे थे कि बिहार में ऑपरेशन लालटेन होगा और भाजपा तथा जदयू के विधायक दल को तोड़ा जाएगा.
GDP Growth Rate Of India 8.4%: तीसरी तिमाही में भारतीय GDP की ग्रोथ रेट से कैसे भौचक्के रह गए दुनियाभर के आर्थिक विश्लेषक?
हम सभी के लिए हर्ष का विषय है कि देश में विनिर्माण इकाईयों की वृद्धि दर 4.8% से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023-24 की तृतीय तिमाही में 11.6% हो गई है तथा निर्माण के क्षेत्र में वृद्धि दर 9.5% की रही है। साथ ही, खनन के क्षेत्र में वृद्धि दर 1.4% से बढ़कर 7.5% की रही है। ये तीनों रोजगार सृजन के क्षेत्र हैं।
कहां जा रही इंसानियत?
अंग्रेजों के शासन के समय भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार के खूब क़िस्से आप सब ने पढ़े और सुने होंगे. परंतु आज के भारत में यदि आपको किसी सरकारी व्यक्ति के दुर्व्यवहार की घटना के बारे में पता चलता है तो आपको ग़ुस्सा न आए ऐसा हो नहीं सकता.
बिहार की राजनीति में विपक्षी ‘महागठबंधन’ की बढ़ी मुश्किलें, सामने से लड़ रहे तेजस्वी
बिहार के विपक्षी 'महागठबंधन' की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रहीं हैं. 2024 के चुनाव को मद्देनज़र रखते हुए तेजस्वी यादव ने एक जन विश्वास यात्रा निकली थी.