इंडिया एलायंस क्यों बिखरा ?
‘इंडिया’ एलायंस के घटक दलों ने इतना भी अनुशासन नहीं रखा कि वे दूसरे दलों पर नकारात्मक बयानबाजी न करें। जिसका ग़लत संदेश गया। इस एलायंस के बनते ही सीटों के बंटवारे का काम हो जाना चाहिए था। जिससे उम्मीदवारों को अपने-अपने क्षेत्र में जनसंपर्क करने के लिए काफी समय मिल जाता।
नीतीश कुमार: कोई तो कारण होगा… यूं ही कोई बेवफ़ा नहीं होता
बिहार में जो कुछ भी हुआ उसके पीछे के कारणों में जहां एक ओर ‘इंडिया’ गठबंधन में न होने वाले समझौते हैं। वहीं, दूसरी ओर विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन के कुछ नेताओं में किसी न किसी तरह का ‘ख़ौफ़’ भी है।
N.D.A. के खिलाफ बने कांग्रेस के I.N.D.I.A गठबंधन में एकजुटता बड़ी चुनौती, 1-1 कर कम हो रहे साथी, क्या सीट बंटवारे पर बन पाएगी बात?
कांग्रेस की अगुवाई वाले I.N.D.I.A गठबंधन के सियासी साथी एक-एक कर कम हो रहे हैं. अब देखना यह है कि इस गठबंधन की रेलगाड़ी किस रफ़्तार से पटरी पर दौड़ लगाती है और I.N.D.I.A को किस प्रकार से नया आयाम दे पाती है.
राम ही नहीं राष्ट्र की प्राण प्रतिष्ठा
PM नरेंद्र मोदी ने सिर्फ एक मूर्ति में प्राण की प्रतिष्ठा नहीं की है बल्कि, दासता से मुक्त एक स्वावलंबी, समर्थ, समृद्ध राष्ट्र के प्राण की भी प्रतिष्ठा की है।
जानलेवा हो सकते हैं खर्राटे!
यदि कोई व्यक्ति ऑब्सट्रक्टिव स्लीप ऐप्निया से पीड़ित है और इसको केवल खर्राटों जैसी एक आम समस्या समझ लेता है उसे इस बात पर गौर करना चाहिए कि अनुपचारित ऑब्सट्रक्टिव स्लीप ऐप्निया के कारण ऐसे कई लक्षण भी सामने आ सकते हैं जो घातक साबित हो सकते हैं।
कैसे सार्थक हो श्री राम की अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा?
आज हम सब ‘राममय’ भाव में आकंठ डूबे हुए हैं। अयोध्या का यह विकास भारत के सनातन धर्मियों की आस्था के साथ ही हमारी सांस्कृतिक अस्मिता से भी जुड़ा हुआ है। पर उत्साह के अतिरेक में हमें अपनी भावनाओं को ग़लत दिशा में जाने से रोकना होगा।
श्री राम का आदर्श और मोदी जी का शासन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अब तक के शासनकाल में यह सिद्ध किया है कि यदि दृढ़ इच्छाशक्ति और साफ नीयत हो, तो देश अपने सांस्कृतिक प्रतीकों और आर्थिक विकास को समानांतर आगे लेकर आगे बढ़ सकता है।
अयोध्या और श्रीराम
सभ्यता(युग) के आरम्भ से लेकर अन्त तक जिसके अस्तित्व और अस्मिता का अंत नहीं हो सकता, उस अयोध्या की माटी पर बड़े-बड़े देवता भी आकर अपने इष्ट को नमन करते थे तो मनुष्यों की विसात ही क्या!
अयोध्या: प्राण प्रतिष्ठा में विवाद क्यों?
श्री राम जन्मभूमि मुक्ति आन्दोलन को खड़ा करने के लिए आरएसएस, विहिप व भाजपा ने हर संत और सम्प्रदाय का द्वार खटखटाया था। यह दुर्भाग्य है कि आज शंकराचार्यों जैसे अनेक सम्मानित संत और विहिप, आरएसएस व भाजपा आमने सामने खड़े हो गये हैं।
हरियाणा टू मुंबई, मॉडल के मर्डर का ‘सीक्रेट’…दिव्या पाहुजा हत्याकांड के पीछे जुड़े हैं कई सारे तार
शुक्रवार को गुरुग्राम पुलिस ने कोलकाता एयरपोर्ट पर पूर्व मॉडल की हत्या के एक आरोपी बलराज गिल को गिरफ्तार किया था.