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विधानसभा चुनाव से पहले सीएम शिवराज का छलका दर्द, क्या हैं उनके भावुक भाषण के मायने?

MP Election 2023: बीजेपी ने तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को एमपी के चुनाव मैदान में उतारा है, जिसमें नरेंद्र सिंह तोमर का नाम भी शामिल है.

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एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फोटो फाइल)

Madhya Pradesh Elections 2023: मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के खेमे में हलचल बढ़ी हुई है. पार्टी ने विधानसभा चुनावों में तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को चुनाव में उतारा है. वहीं मुख्यमंत्री के चेहरे पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है. अभी तक बीजेपी शिवराज के नाम पर मुहर नहीं लगा पाई है. ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी पीएम मोदी के चेहरे को आगे कर चुनाव में उतर सकती है. दरअसल, इन सबके पीछे पार्टी में अंदरुनी कलह को बड़ी वजह माना जा रहा है. इसको लेकर लगाई जा रही तमाम सियासी अटकलों के बीच शिवराज सिंह चौहान का एक भावुक भाषण चर्चा का विषय बना हुआ है.

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर में एक कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में जो कुछ कहा, उसके बाद एमपी से लेकर दिल्ली तक कानाफुसी तेज हो गई है कि आखिर मुख्यमंत्री ने ये क्यों कहा, “मैं चला जाऊंगा तो बहुत याद आऊंगा…”

शिवराज ने क्या कहा?

अपने संबोधन में शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “मैंने मध्य प्रदेश की सियासत बदल दी, मेरे लिए सियासत का मतलब है जनता की सेवा करना. जनता मेरे लिए भगवान है. मैं सरकार नहीं परिवार चलाता हूं. ऐसा भैया नहीं मिलने वाला है…मैं चला गया तो आपको बहुत याद आऊंगा.” सीएम शिवराज सिंह चौहान लंबे समय से मध्य प्रदेश में बीजेपी का प्रमुख चेहरा रहे हैं और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर उनका कब्जा रहा है. लेकिन आगामी चुनावों से पहले अबकी जो संकेत मिल रहे हैं, उसको देखते हुए शिवराज सिंह चौहान के एक बार फिर सीएम की कुर्सी तक पहुंचने में ‘If…But’ लगा हुआ है.

खींचतान से परेशान बीजेपी!

शिवराज सिंह चौहान के बयानों को इसी परिपेक्ष्य में देखा जा रहा है. अभी तक मध्य प्रदेश में बीजेपी यह तय नहीं कर पाई है कि चुनाव जीतने पर सीएम कौन होगा. शिवराज सिंह चौहान लंबे समय से सीएम हैं और ऐसे में स्वभाविक तौर पर वे इसके प्रबल दावेदार हैं. शायद यह सीएम फेस को लेकर दुविधा की स्थिति ही है जिसके बाद शिवराज सिंह चौहान का दर्द छलका है. दूसरी तरफ, पार्टी की अंदरुनी कलह है, जिसमें कई खेमे बने हुए हैं और हर खेमे के बड़े चेहरे खुद को सीएम पद का योग्य उम्मीदवार मान रहे हैं. इन नेताओं में अक्सर, नरोत्तम मिश्रा और वीडी शर्मा का नाम आगे आता रहा है.

इन सबके बीच, बीजेपी ने तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को एमपी के चुनाव मैदान में उतारा है, जिसमें नरेंद्र सिंह तोमर का नाम भी शामिल है. वहीं चर्चा ऐसी भी है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है. विधानसभा चुनाव को लेकर आए कई सर्वे में ये दावा किया जा रहा है कि मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर हो सकती है.

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सीएम न बने तो क्या दिल्ली जाएंगे शिवराज?

मध्य प्रदेश में बीजेपी द्वारा अभी तक सीएम फेस को लेकर ऐलान न किए जाने के बाद ऐसी चर्चा हो रही है कि चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद पार्टी किसी अन्य नेता को भी राज्य की कमान सौंप सकती है. ऐसी स्थिति में शिवराज सिंह चौहान के राजनीतिक भविष्य को लेकर भी अटकलें तेज हैं. कुछ लोगों का मानना है कि उन्हें बीजेपी दिल्ली बुला सकती है. हालांकि, कोई स्पष्ट संकेत अभी तक नहीं हैं लेकिन टिकटों के बंटवारे की बीच शिवराज सिंह चौहान के भावुक भाषण के बाद कई तरह की चर्चाएं जरूर होने लगी हैं. फिलहाल, देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले वक्त में शिवराज सिंह चौहान को लेकर बीजेपी का क्या रूख होता है.

-भारत एक्सप्रेस

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