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मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस 15 अक्टूबर को अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है। विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की पहली सूची 110 से 130 उम्मीदवारों की हो सकती है। कांग्रेस के वर्तमान में 96 विधायक हैं। इनमें से छह विधायकों को इस बार प्रत्याशी बनाए जाने पर संशय है।

नेतन्याहू ने सत्ता में वापसी करने के लिए शास, यूटीजे, धार्मिक जियोनिज्म, ओत्जमा येहुदित और नोआम जैसी धुर दक्षिण पंथी पार्टियों का समर्थन लिया है। इनमें कई पार्टियां तो पूरे फिलिस्तीन पर कब्जे के समर्थन में है। इन्हीं वजहों से इजराइल में नई सरकार बनते ही फिलिस्तीन के साथ विवाद बढ़ना तय हो गया था।

मध्य प्रदेश के दलित और आदिवासी सीटों पर सरकारी नौकरी छोड़ नेता बने दावेदारों का दबदबा लगातार बढ़ता जा रहा है. सरकारी नौकरी छोड़ राजनीति में आए एक दर्जन से ज्यादा अधिकारी इस बार विधानसभा टिकट के दावेदार हैं. कई दावेदारों को तो पार्टी से हरी झंडी भी मिल चुकी है.

राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में पिछले चुनाव में हार का सामना कर चुकी बीजेपी के लिए आने वाला समय भी कठिन होने वाला है. मध्य प्रदेश में सीएम शिवराज के नेतृत्व वाली बीजेपी की सरकार होने के बाद भी आने वाले चुनाव में बीजेपी ने सीएम के चेहरे पर सस्पेंस बरकरार रखा है.

राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विधानसभा उम्मीदवारों पर मंथन करेगी। दिल्ली में CEC की बैठक के बाद नवरात्रि में उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी होगी। इस चुनाव में कहने को तो बीजेपी कांग्रेस से मुकाबला करती नजर आ रही है लेकिन जिस तरह से वसुंधरा राजे के करीबी नेताओं के टिकट काटे गए हैं।

इजरायल और फिलिस्तीन आर-पार के इरादे से लड़ते दिख रहे हैं. इस बीच मिस्र में अरब देशों की बैठक हुई. वे इजरायल से गुस्से पर ठंडा पानी डालने की गुजारिश करते हुए जंग रोकने की बात कर रहे हैं. बाहर से फिलिस्तीनियों के हमदर्द दिखते अरब देश उन्हें नागरिकता देने के नाम पर चुप हो जाते हैं.

इजराइल की सेना ने इस बात को स्वीकार कर लिया है कि वो 7 अक्टूबर को हुए हमास के हमले को रोकने में नाकाम रहे। इजराइली सेना चीफ ने कहा है कि लोगों की रक्षा करना सेना का काम है, लेकिन हम इसमें नाकाम रहे। ये हमारे लिए सीख है। अब समय जंग का है।

इजराइल ने गाजा पर हमले के लिए 1 लाख सैनिक भेजे हैं। 3 लाख 60 हजार से ज्यादा रिजर्व सैनिकों को जुटाया जा रहा है। सभी को अंदेशा है कि इजराइल गाजा पर जमीनी कब्जा करने जा रहा है। लेकिन गाजा में स्थानीय लोगों का समर्थन हमास के साथ हैं। अंदेशा है कि ये मिशन इजराइल के लिए आसान नहीं होगा।

बिहार में दिल्ली-कामख्या ‘नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस’ के सभी डिब्बों के बेपटरी होने की संभावित वजह पटरियों में खामी थी. प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी दी गई है. रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन के नजदीक हुए इस हादसे में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए हैं.

फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर पांच हजार रॉकेट दागे. फिर जमीन, समंदर और आसमान से इजरायल में घुसपैठ कर दी. सैकड़ों इजरायली नागरिकों को बंधक भी बना लिया. इजरायल डिफेंस फोर्स सोशल मीडिया पर हमलों से जुड़ी तस्वीरें साझा कर रही है.