भारत एक्सप्रेस के सीएमडी उपेन्द्र राय.
Independence Day: देश आज अंग्रेजों की गुलामी से मिली स्वतंत्रता की 78वीं वर्षगांठ मना रहा है. पूरे हिंदुस्तान में जोश और उत्साह के साथ स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया जा रहा है. इस अवसर पर भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के नोएडा स्थित मुख्यालय में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के चेयरमैन, एमडी व एडिटर इन चीफ उपेंद्र राय ने स्वतंत्रता दिवस समारोह की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर की और आजादी के नायकों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए. कार्यक्रम में भारत एक्सप्रेस के डायरेक्टर और ग्रुप मैनेजिंग एडिटर राधेश्याम राय, डायरेक्टर संजय स्नेही के अलावा विभिन्न विभागों के कर्मचारी मौजूद रहे. इस दौरान शहीदों की याद में 2 मिनट का मौन भी रखा गया.
गीतों ने मोहा मन
कार्यक्रम में सीएमडी उपेंद्र राय की पत्नी डॉ. रचना, बेटी ऊर्जा अक्षरा और बेटा साद्यांत कौशल भी शामिल हुए. साद्यांत कौशल ने इस दौरान गणेश स्तुति से लोगों का मन मोह लिया. वहीं डॉ. रचना ने ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गीत गाया, जिसे सुनकर लोग भावुक हो गए. इसके अलावा ऊर्जा अक्षरा ने भी ‘ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े वतन तुझ पे दिल कुर्बान’ गीत सुनाया, जिसने आजादी के इस जश्न में चार चांद लगा दिए.
व्यक्ति की स्वतंत्रता
सीएमडी उपेंद्र राय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एक आजादी वो है जो हमें अंग्रेजों के चंगुल से देश को मुक्त कराकर मिली है, वहीं एक आजादी वो होती है, जब आप स्वयं को निर्मित करते हुए अपने अंदर की संभावनाओं को तलाशते हुए एक अलग तरह से समाज में अपनी पहचान को स्थापित करते हैं, तो सही मायने में वो व्यक्ति की स्वतंत्रता होती है.
भारत का अनुसरण पूरी दुनिया ने किया
सीएमडी उपेंद्र राय ने आगे कहा कि आज के समय में देश में 29 साल से लेकर 40 साल के बीच की आबादी करीब 65 फीसदी है. और जो व्यक्तित्व निर्माण की दिशा में काम होना चाहिए, वो हुआ भी इसी देश में, जिसका अनुसरण पूरी दुनिया ने किया, लेकिन जिसे देखकर, जानकर पूरी दुनिया में कुछ देशों ने बहुत तरक्की की और हमसे आगे निकल गए.
उन्होंने आगे कहा, ‘इसके पीछे की वजह को जब मैं तलाशता हूं तो उसका एक ही कारण सामने आता है कि देश हमारा 2 हजार सालों तक लगातार आक्रमण झेलता रहा और गुलाम रहा, जिसकी वजह से हमारे डीएनए में और जेहन में डर और गुलामी ने घर कर लिया, जिससे हम अभी तक मुक्त नहीं हो पा रहे हैं.’
मित्रता और शत्रुता की परिभाषा
उन्होंने कहा, ‘आदमी मुक्त न तो संसाधनों से होता है और न ही दूसरों के द्वारा दिए ज्ञान से होता है. इस मानवता के पथ पर चलने वाले दुनियाभर में तमाम लोगों ने अलग मुकाम बनाया. इन सभी लोगों ने मुक्ति के मार्ग को लेकर एक ही बात बताई है कि अपने ज्ञान के लिए उपलब्ध हो जाना, मतलब आप जो बनने आए थे, उसे पा लिया.’
सीएमडी उपेंद्र राय ने समारोह के दौरान ये भी कहा कि मित्रता और शत्रुता की परिभाषा का जिक्र किया जाए तो आप खुद स्वयं के मित्र और शत्रु होते हैं, अगर आपके द्वारा किए गए कार्य से आपके करीबी, रिश्तेदार, परिवार, भाई-बंधु और समाज को खुशी और खुशहाली मिलती है तो आप स्वयं के मित्र है, लेकिन अगर आपकी वजह से इन्हीं लोगों को कष्ट होता है तो फिर आप स्वयं के और इन लोगों के भी शत्रु हैं.
स्वतंत्रता का मतलब
उन्होंने ये भी कहा कि आपका एक कदम आपको अंतिम सीढ़ी तक पहुंचा सकता है, साधन क्या है और साध्य क्या है ये महत्वपूर्ण नहीं, क्योंकि हवाई जहाज से आप भले कहीं जल्दी पहुंच जाएं, लेकिन भौगोलिक जगहों पर पहुंचना कहीं पहुंचने को नहीं कहा गया है. मतलब दूरी नापना सिर्फ शरीर को एक जगह से दूसरी जगह लेकर रख देना होता है. लेकिन सही मायनों में पहुंचना उसे कहते हैं, जिस काम को करने के लिए परमात्मा ने आपको भेजा है, या जो भी संभावना आपके अंदर है उस पूरी संभावना को तराश कर देश और समाज की भलाई के लिए पूरी तरीके से समर्पित करते हैं, मेरी नजर में स्वतंत्रता का मतलब व्यक्तिगत, सामाजिक और आध्यात्मिक यही है.
-भारत एक्सप्रेस