महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं ने राहुल गांधी से स्पष्ट रूप से मना किया था कि वह यात्रा के दौरान सावरकर की दया याचिकाओं के मुद्दे को ना उठाएं. द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी को यह सलाह दी थी और इसके पीछे एक बड़ी वजह यह थी कि ऐसी किसी टिप्पणी को लेकर उद्धव ठाकरे गुट की विपरीत प्रतिक्रिया सामने आएगी और ऐसा ही हुआ. महाराष्ट्र इकाई के नेता किसी भी तरह के विवाद से बचना चाहते थे और उन्होंने राहुल गांधी से कहा था कि अपना फोकस केवल बेरोजगारी, महंगाई और कृषि संकट से जुड़े मुद्दों पर ही रखें.
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