पीएनबी धोखाधड़ी मामले में आरोपी व भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के रिश्तेदार मयंक मेहता के खिलाफ दायर सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई द्वारा याचिका को मामले को सुनवाई के लिए फिर से हाईकोर्ट भेज दिया है। हाइकोर्ट इस पर नये सिरे से सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि सीबीआई ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें मयंक मेहता को तीन माह के लिए हांगकॉन्ग जाने की इजाजत दी गई है। सीजेआई ने आदेश में आगे कहा कि हमने सितंबर, 2022 में सीबीआई की याचिका पर नोटिस जारी किया था। इस दौरान मंयक ने कोर्ट को आश्वासन दिया था कि वह भारत छोड़कर नहीं जाएगा। अदालत ने सीबीआई के समक्ष विभिन्न दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया था। लेकिन सिंगापुर के बैंक का स्टेटमेंट नहीं दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने मयंक से दोबारा सिंगापुर के बैंक से संपर्क कर स्टेटमेंट मंगाने को कहा था। मयंक बाद में ईडी के अप्रूवर बनने को तैयार हो गए। हालांकि सीबीआई ने बैंक स्टेटमेंट की मांग की है। नीरव मोदी पीएनबी धोखाधड़ी मामले में आरोपी है। यह याचिका सीबीआई ने बैंकिंग सिक्युरिटीज फ्रॉड ब्रांच, मुंबई की ओर से दायर की गई थी। बतादें कि बंबई हाइकोर्ट के 23 अगस्त 2022 के उस आदेश चुनौती दी गई थी, जिसके तहत मेहता को हॉंगकॉंग की यात्रा करने और तीन महीने वहां ठहरने की अनुमति दी गई थी। सीबीआई ने आरोप लगाया था कि पीएनबी धोखाधड़ी मामले में हेराफेरी की गई राशि की एक बड़ी मात्रा मेहता को प्राप्त हुई थी और उसने उसे अपने तथा अपनी पत्नी के विदेश स्थित बैंक खातों में भेज दिया था। मेहता एक ब्रिटिश नागरिक है, जो अपने परिवार के साथ हांगकांग में रहता है। वह मुंबई की एक अदालत में पेश होने के लिए 8 सितंबर 2021 को भारत आया था।
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.