छठवीं से लेकर 12वीं तक की बालिकाओं को स्कूल में मुफ्त सैनिटरी पैड दिए जाने और सरकारी स्कूल में लड़कियों के लिए अलग से शौचालय की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश. स्कूलों में कम दाम में नैपकिन वाली वेंडिंग मशीनें लगाई जाएं साथ ही इस्तेमाल किए गए नैपकिन के डिस्पोजल का इंतजाम किया जाए. केंद्र सरकार सभी राज्यों से इस बारे में बात करके हलफनामा दाखिल करे. जुलाई के अंतिम सप्ताह में सुनवाई होगी. 4 हफ्ते के अंदर स्वास्थ्य मंत्रालय सभी एजेंसियों और राज्य सरकारों से बात करके रिपोर्ट सौंपेगी. दरअसल जया ठाकुर ने स्कूली बालिकाओं की मेंस्ट्रुअल हेल्थ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी और मांग की थी कि छठवीं से लेकर 12वीं तक की बालिकाओं को स्कूल में मुफ्त सैनिटरी पैड उपलब्ध कराए जाएं. सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग से टॉयलेट बनाने के साथ-साथ पिछड़े इलाकों में मेंस्ट्रुअल हेल्थ को लेकर जन जागरूकता अभियान चलाए जाएं. कांग्रेस नेत्री याचिकाकर्ता जया ठाकुर ने अपनी याचिका में कहा है कि इन परेशानियों के कारण हर साल 23 लाख लड़कियां स्कूल छोड़ने पर मजबूर हैं और इसी वजह से हर साल 8 लाख महिलाओं की मौत होती है.
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