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अब हॉस्टल रेंट पर भी देना होगा 12 फीसदी GST, अथॉरिटी ने लिया फैसला, जानें क्या कहता है नियम

GST On Hostel Rent: अगर आप हॉस्टल या पीजी(पेइंग गेस्ट) चलाते हैं तो आपके लिए यह खबर बहुत ही मायने रखने वाली है. इसके साथ ही उन लोगों के लिए भी जो लोग हॉस्टल या पीजी में रहते हैं. जी हां, हॉस्टल या पीजी चलाने वालों को अब 12 फीसदी जीएसटी भरना होगा.

GST On Hostel Rent: सांकेतिक तस्वीर

GST On Hostel Rent: सांकेतिक तस्वीर

GST On Hostel Rent: अगर आप हॉस्टल या पीजी(पेइंग गेस्ट) चलाते हैं तो आपके लिए यह खबर बहुत ही मायने रखने वाली है. इसके साथ ही उन लोगों के लिए भी जो लोग हॉस्टल या पीजी में रहते हैं. जी हां, हॉस्टल या पीजी चलाने वालों को अब 12 फीसदी जीएसटी भरना होगा. यह फैसला जीएसटी अथॉरिटी ने लिया है. मिली जानकारी के अनुसार, जीएसटी अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग(AAR)ने अलग-अलग दो केसों में यह स्पष्ट किया है कि हॉस्टल रेंट जीएसटी छूट पाने के योग्य नहीं है क्योंकि यह ‘Residential Dwelling’के अतंर्गत नहीं आता है.

GST On Hostel Rent: जानिए क्या है पूरा मामला

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु की एक संस्था जिसका नाम श्री साई लक्जरियस स्टे है, वह पीजी(पेइंग गेस्ट) की सुविधा लोगों को देती है. इस संस्था ने अपनी याचिका में कहा था कि प्राइवेट हॉस्टल को ‘Residential Dwelling’की छूट दी जाती है इसलिए उन्हें भी यह छूट मिले. वहीं, एक दूसरा मामला उत्तर प्रदेश के नोएडा से है. यहां के वीएस इंस्टीट्यूट एंड हॉस्टल ने कहा था कि चूंकि वे भी पानी, बिजली और इंटरनेट(वाई-फाई) जैसी सुविधाएं लोगों को उपलब्ध करवाते हैं इसलिए उन्हें भी ‘Residential Dwelling’के तहत छूट मिले.

‘Residential Dwelling’ को लेकर क्या कहता है कर्नाटक हाई कोर्ट?

मिली जानकारी के अनुसार, यदि कोई प्रॉपर्टी को रेसीडेंस पर दे रहा है तो उसे कोई जीएसटी नहीं देना होगा. लेकिन ऊपर के दो संस्थानों का मामला अलग है. संस्थान का कहना था कि ‘Residential Dwelling’ का मतलब स्थायी निवास है ना कि गेस्ट हाउस और लॉज. वहीं, इस मामले पर कर्नाटक हाई कोर्ट की टिप्पणी काफी अहम मानी जा रही है. कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि एक रूम में बेड के हिसाब से लिया जाने वाला पैसा ‘Residential Dwelling’ के अंतर्गत नहीं आ सकता है. इसके साथी ही रूम में कोई व्यक्तिगत किचन भी उपलब्ध नहीं है. ऐसे में इसे ‘Residential Dwelling’में नहीं माना जाएगा.

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वहीं, AAR का भी कहना है कि पीजी या हॉस्टल ‘Residential Dwelling’के अंतर्गत नहीं आते हैं इसलिए उन्हें 12 फीसदी जीएसटी देना होगा. हालांकि, एक अन्य मामले में रेगुलेट करने वाली संस्था ने यह कहा है कि रोजाना 1000 रुपये से कम के हॉस्टल रेंट पर 17 जुलाई 2022 तक कोई भी जीएटी नहीं देना होगा. इस फैसले के बाद से पीजी या हॉस्टल संचालक अब अपने ग्राहकों से 12 फीसदी जीएसटी वसूलने वाले हैं. यह नियम प्राइवेट हॉस्टल्स, स्टूडेंट हॉस्टल्स और पीजी यानी पेइंग गेस्ट पर लागू होने वाला है.

-भारत एक्सप्रेस

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