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SME के लिए बाजार से पैसा उठाना हुआ सख्त-सेबी ने जारी किए नए नियम

SME IPO Market: सेबी ने SME IPO मार्किट को मजबूत करने के लिए नए नियमों को मंजूरी दी है, जिनमें कंपनियों के लिए ऑपरेटिंग प्रॉफिट, शेयरधारकों की बिक्री सीमा और फंड के उपयोग पर प्रतिबंध शामिल हैं.

SME IPO

SME IPO

Small medium enterprise (SME) के लिए मार्किट से पैसा जुटाने के अब ज्यादा कड़े नियमो का सामना करना पड़ेगा. बुधवार को सेबी बोर्ड ने नए नियमों को मंजूरी दे दी है,दरअसल सेबी ने नए नियम SME IPO मार्किट को मजबूत करने,लिस्टिंग की क्वालिटी बेहतर बनाने और निवेशकों के हितों की रक्षा करने के लिए नए नियमों को मंजूरी दी है. दरअसल सेबी ने नये नियम को मंजूरी इसलिए दी कुछ दिनों से SME IPO में मार्किट में काफी तेजी देखी गयी है,इसी तेजी के बीच छोटी कंपनियों को लेकर पारदर्शिता, गवर्नेंस और जुटाने गए फंड के इस्तेमाल को लेकर चिंताएं भी बढ़ी हैं.

नए नियम

1.जो भी कंपनी एसएमई एक्सचेंज में लिस्ट होना चाह रही होगी उसे पिछले 3 वित्तीय वर्ष में कम से कम 2 वर्ष एक करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग प्रॉफिट दर्ज करना होगा. इस कदम से सुनिश्चित होगा कि सिर्फ वित्तीय रूप से मजबूत कंपनियां ही बाजार में उतर सकेंगी.
2. आईपीओ के जरिए अपना हिस्सा बेचने वाले शेयरधारक अपनी होल्डिंग का 50 फीसदी से ज्यादा नहीं बेच सकेंगे
3.आईपीओ के जरिए मिली रकम कंपनी इस पैसे का इस्तेमाल प्रमोटर, डायरेक्ट या किसी रिलेटेड पार्टी के द्वारा लिए गए कर्ज को चुकाने में नहीं कर सकेगी.
4.इसके साथ ही ऑफर फॉर सेल इश्यू साइज का 20 फीसदी से ज्यादा नहीं होगा.
5.IPO में NII को एलोकेशन का तरीका भी वैसा होगा जैसा मेनबोर्ड आईपीओ में NII के एलोकेशन में इस्तेमाल किया जाता है.

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नए फ़ैसले

इसके साथ ही सेबी बोर्ड ने परफॉरमेंस वेलीडेशन एजेंसी पास्ट रिस्क एंड रिटर्न वेरीफिकेशन एजेंसी (PARRVA) स्थापित करने को भी मंजूरी दी है. रिसर्च एनालिस्ट, इनवेस्टमेंट एडवाइजर और अल्गो प्रोवाइडर इस एजेंसी से वेरिफिकेशन ले सकेंगे. इसके अलावा बोर्ड ने डिबेंचर ट्रस्टी, ईएसजी रेटिंग प्रदाताओं, इनविट्स, रीट्स और एसएम रीट्स के लिए कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए सुधारों को भी मंजूरी दी. इसके अलावा अनुमोदित सुधारों का उद्देश्य एसएमई को एक अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड प्रदान करना और निवेशकों के हितों की रक्षा करते हुए जनता से धन जुटाने का अवसर प्रदान करना है. इस संबंध में, बोर्ड ने सेबी (ICDR) विनियम, 2018 और सेबी (LODR) विनियम, 2015 में संशोधन को मंजूरी दे दी.

-भारत एक्सप्रेस 



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