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ट्रंप के टैरिफ से बचने के लिए Apple ने भारत से अमेरिका पहुंचाए 15 लाख iPhones, एयरलिफ्ट ऑपरेशन से सबको चौंकाया

चीन पर बढ़ते अमेरिकी टैरिफ से बचने के लिए Apple ने भारत से करीब 15 लाख iPhones गुप्त रूप से अमेरिका भेजे. यह कदम कंपनी की बदलती रणनीति और भारत की बढ़ती मैन्युफैक्चरिंग क्षमता का संकेत है.

Apple iPhone airlift 2025

ट्रम्प सरकार के दौरान अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध के बीच Apple ने एक चौंकाने वाला लेकिन रणनीतिक कदम उठाया. एक रिपोर्ट के मुताबिक, Apple ने करीब 600 टन (लगभग 15 लाख iPhones) भारत से अमेरिका भेजे, ताकि चीन पर लगने वाले भारी टैरिफ से बचा जा सके. कंपनी ने इस कार्य के लिए कई चार्टर्ड कार्गो फ्लाइट्स का सहारा लिया.

मार्च से अब तक, चेन्नई (भारत) से छह कार्गो जेट्स रवाना हो चुके हैं, जिनमें से हर एक में करीब 100 टन माल था. इन उड़ानों में से एक उसी सप्ताह भेजी गई थी, जब अमेरिका में नया टैरिफ लागू हुआ था. Apple का मुख्य उद्देश्य था— टैरिफ बढ़ने से पहले अमेरिका में iPhone का स्टॉक तैयार करना.

30 घंटे की प्रक्रिया अब 6 घंटे में पूरी

सूत्रों के अनुसार, Apple ने भारत सरकार से विशेष सहयोग प्राप्त किया. चेन्नई एयरपोर्ट पर एक ‘ग्रीन कॉरिडोर’ कस्टम प्रक्रिया बनाई गई, जिससे कस्टम क्लीयरेंस का समय 30 घंटे से घटकर सिर्फ 6 घंटे रह गया. इस तेज प्रक्रिया ने Apple को समय पर शिपमेंट भेजने में काफी मदद की.

भारत में बढ़ता iPhone प्रोडक्शन: Foxconn और Tata का योगदान

Apple अब भारत पर तेजी से निर्भर हो रहा है. कंपनी के मुख्य सप्लायर Foxconn ने चेन्नई प्लांट में 20 प्रतिशत उत्पादन बढ़ाया, यहां तक कि रविवार को भी काम हुआ, जो आमतौर पर अवकाश का दिन होता है. Foxconn के भारत में तीन प्लांट ऑपरेशनल हैं और दो निर्माणाधीन हैं. Tata भी इस प्रक्रिया में Apple का अहम साझेदार है.

चीन से हटकर भारत की ओर: टैरिफ का गणित

ट्रम्प प्रशासन के तहत चीन से आने वाले iPhones पर टैरिफ 54 प्रतिशत से बढ़कर 125 प्रतिशत हो गया, जिससे उत्पादन लागत में भारी इजाफा हुआ. इसके विपरीत, भारत से अमेरिका को भेजे गए iPhones पर फिलहाल केवल 26 प्रतिशत टैरिफ है, जिसे एक 90-दिन की टैरिफ होल्ड के तहत फिलहाल रोका गया है.

शिपमेंट डेटा से हुआ खुलासा

कस्टम डेटा के अनुसार, जनवरी में भारत से अमेरिका को Foxconn की शिपमेंट का मूल्य 770 मिलियन डॉलर और फरवरी में 643 मिलियन डॉलर था. इससे पहले के महीनों में यह आंकड़ा 110 से 331 मिलियन डॉलर के बीच रहा था. इन शिपमेंट्स का 85 प्रतिशत हिस्सा न्यूयॉर्क, शिकागो, लॉस एंजेलिस और सैन फ्रांसिस्को जैसे प्रमुख अमेरिकी शहरों में पहुंचा.

भारत सरकार ने दिया समर्थन

Apple ने इस शिपमेंट ऑपरेशन पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की. भारत के विमानन मंत्रालय ने भी कोई बयान नहीं दिया, लेकिन भारतीय अधिकारियों ने पुष्टि की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इस लॉजिस्टिक ऑपरेशन को पूरा सहयोग दिया.

भारत से अमेरिका के लिए iPhone का नया मार्ग

Counterpoint Research की रिपोर्ट के अनुसार, अब अमेरिका में आयात होने वाले iPhones का करीब 20 प्रतिशत भारत से आता है, और यह आंकड़ा लगातार बढ़ने की उम्मीद है. यह बदलाव Apple की ‘चीन के बाहर निर्माण’ नीति का हिस्सा है, जो वैश्विक सप्लाई चेन को अधिक संतुलित और लचीला बनाने की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है.


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-भारत एक्सप्रेस



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