
शनिवार (12 अप्रैल) की सुबह पूरे भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) सेवाओं में बड़ी तकनीकी गड़बड़ी के कारण रुकावट आई. यह पिछले 30 दिनों में तीसरी बड़ी रुकावट है. गूगल पे, फोन पे और पेटीएम सहित प्रमुख डिजिटल पेमेंट ऐप के उपयोगकर्ता लेन-देन पूरा करने में असमर्थ थे, जिससे व्यक्तियों और व्यवसायों दोनों को व्यापक असुविधा हुई.
व्यवधानों की निगरानी करने वाली वेबसाइट डाउनडिटेक्टर के अनुसार, दोपहर 12.56 बजे तक 2,147 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें से लगभग 80% यूजर्स को पेमेंट के दौरान समस्याओं का सामना करना पड़ा. इससे पहले दिन में 1,168 शिकायतें दर्ज की जा चुकी थीं.
शनिवार के रुकावट ने HDFC बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे प्रमुख बैंकों सहित कई वित्तीय संस्थानों को प्रभावित किया.
इस बीच, इस सप्ताह की शुरुआत में, NPCI ने अंतर्राष्ट्रीय UPI लेनदेन के लिए एक महत्वपूर्ण नीति परिवर्तन की घोषणा की. 8 अप्रैल से, भारत के बाहर किए जाने वाले पेमेंट के लिए QR कोड के उपयोग को बैन कर दिया गया है, ताकि पेमेंट करने वालों की पहचान में सुधार हो सके. हालांकि, भारत के भीतर QR-आधारित भुगतान अप्रभावित रहेंगे.
UPI में रुकावट
26 मार्च को भी व्यापक UPI आउटेज के कारण डिजिटल लेनदेन प्रभावित हुए, जिसमें बड़ी संख्या में यूजर्स ने पेमेंट में आने वाली समस्याएं रिपोर्ट की. भुगतान नियामक ने X पर एक पोस्ट में कहा, “NPCI को बीच-बीच में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण UPI में आंशिक गिरावट आई थी. अब इसे ठीक कर लिया गया है और सिस्टम स्थिर रूप से काम कर रहा है. असुविधा के लिए खेद है.”
इसके अलावा 2 अप्रैल को भी UPI पेमेंट कुछ समय के लिए बंद हो गया था.
देश में बढ़ता UPI लेनदेन
एनपीसीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, यूपीआई ने मार्च में 18.3 अरब लेनदेन की मात्रा दर्ज की. लेनदेन की मात्रा में मासिक आधार पर 13.59 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. फरवरी में लेनदेन की यही मात्रा 16.11 अरब थी. मार्च महीने में यूपीआई-आधारित लेनदेन का रिकॉर्ड 24.77 लाख करोड़ रुपये रहा, जो फरवरी में 21.96 लाख करोड़ रुपये से 12.79 प्रतिशत अधिक है.
एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार, यूपीआई नेटवर्क ने दैनिक आधार पर 79,910 करोड़ रुपये के दैनिक लेनदेन की संख्या के साथ 590 मिलियन से अधिक औसत लेनदेन दर्ज किए. मार्च में 24.77 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड-तोड़ यूपीआई लेनदेन ने मूल्य में सालाना आधार पर 25 प्रतिशत और मात्रा में 36 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की.
-भारत एक्सप्रेस
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