
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को घोषणा की कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास में विकसित हो रहा हाइपरलूप प्रोजेक्ट एशिया का सबसे लंबा हाइपरलूप ट्यूब होगा, जिसकी लंबाई 410 मीटर होगी. उन्होंने यह भी बताया कि यह परियोजना जल्द ही दुनिया की सबसे लंबी हाइपरलूप ट्यूब बनने की दिशा में अग्रसर है.
रेलवे, सूचना एवं प्रसारण तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री वैष्णव ने 15 मार्च को अपने संक्षिप्त चेन्नई दौरे के दौरान इस परियोजना का निरीक्षण किया. अपनी यात्रा का एक वीडियो साझा करते हुए उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा,”एशिया का सबसे लंबा हाइपरलूप ट्यूब (410 मीटर)… जल्द ही दुनिया की सबसे लंबी हाइपरलूप ट्यूब बनने वाली है. @iitmadras”
Longest Hyperloop tube in Asia (410 m)… soon to be the world’s longest.@iitmadras pic.twitter.com/kYknzfO38l
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) March 16, 2025
हाइपरलूप तकनीक
हाइपरलूप तकनीक को परिवहन का पांचवां मोड माना जाता है, जिसमें उच्च गति वाली पॉड्स लगभग निर्वात ट्यूब में यात्रा करती हैं. हवा के प्रतिरोध को कम करने के कारण ये पॉड्स 1,000 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति प्राप्त कर सकती हैं, जिससे भविष्य में परिवहन क्रांति संभव हो सकेगी.
भारत में हाइपरलूप तकनीक में बड़ी प्रगति
वैष्णव के अनुसार, भारत हाइपरलूप तकनीक के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है और इस परियोजना के लिए संपूर्ण परीक्षण प्रणाली स्वदेशी रूप से विकसित की जा रही है. इसके इलेक्ट्रॉनिक्स घटकों का निर्माण चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में किया जाएगा, जिससे भारत की आत्मनिर्भरता और मजबूत होगी. मंत्री ने यह भी बताया कि अब तक किए गए परीक्षणों के सकारात्मक परिणाम मिले हैं, जो भारत को हाइपरलूप परिवहन को साकार करने के और करीब ला रहे हैं.
मई 2022 में, रेलवे मंत्रालय ने IIT मद्रास को हाइपरलूप तकनीक के विकास और प्रमाणीकरण के लिए 8.34 करोड़ रुपये आवंटित किए थे.
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-भारत एक्सप्रेस
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