(प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
प्रमुख क्षेत्रों में सकल बैंक ऋण को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में प्राथमिकता क्षेत्र ऋण के तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों यानी MSMEs को बैंक ऋण 13.9 प्रतिशत बढ़कर 26.34 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो अक्टूबर 2023 में 23.11 लाख करोड़ रुपये था. अक्टूबर में MSMEs को दिया गया ऋण भारत के 167 लाख करोड़ रुपये के गैर-खाद्य ऋण का 15.7 प्रतिशत थी, जो पिछले साल अक्टूबर में 15.5 प्रतिशत से मामूली रूप से अधिक थी.
अक्टूबर में क्या रहे आंकड़े
एमएसएमई क्षेत्र में सूक्ष्म और लघु उद्यमों (MSEs) को प्राथमिकता ऋण इस साल अक्टूबर में 12.3 प्रतिशत बढ़कर 20.76 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो अक्टूबर 2023 में 18.49 लाख करोड़ रुपये था. इसी तरह, मध्यम उद्यमों को ऋण 4.61 लाख करोड़ रुपये से 20.8 प्रतिशत बढ़कर 5.57 लाख करोड़ रुपये हो गया. MSMEs के डिजिटल फुटप्रिंट के आधार पर बैंकों द्वारा आगामी ऋण मूल्यांकन मॉडल के साथ MSMEs को ऋण में और वृद्धि होने की संभावना है, जो परिसंपत्ति या टर्नओवर के आधार पर MSMEs ऋण देने की पारंपरिक पद्धति से अलग होगा.
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वित्त मंत्री ने क्या कहा था
बीते नवंबर में एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि बजट में घोषित MSMEs के लिए 100 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी योजना को जल्द ही मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा. सीतारमण ने कहा था, ‘मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के तुरंत बाद MSMEs मंत्रालय और बैंकों के माध्यम से गारंटी प्रदान करने वाली योजना को लागू किया जाएगा.’
इतना ऋण देने का लक्ष्य
नवंबर में एक अलग कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने बैंकों से वित्त वर्ष 2025-26 में MSMEs को 6.12 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2026-27 में 7 लाख करोड़ रुपये का ऋण देने का लक्ष्य रखने को कहा था. बेहतर ऋण पहुंच के लिए आरबीआई के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे. ने भी पिछले महीने MSMEs से अपने कारोबार को औपचारिक बनाने, ऋण अनुशासन के लिए प्रयास करने और वित्त तक बेहतर पहुंच और वित्तीय स्वास्थ्य में सुधार के लिए क्षमता निर्माण में निवेश करने का आग्रह किया था.
-भारत एक्सप्रेस
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