नई दिल्ली: अगर आप फॉरेन ट्रिप पर जाने वाले हैं या अक्सर ऐसा करते हैं और वहां क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं, तो ये खबर आपके लिए हैं. दरअसल सरकार क्रेडिट कार्ड को रिजर्व बैंक के Liberalized Remittance Scheme के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है. ऐसा करने पर क्रेडिट कार्ड्स को TCS यानि टैक्स कलेक्शन एट सोर्स लागू किया जा सकेगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने Finance Bill 2023 को शुक्रवार को सदन में पेश करते वक्त कहा कि RBI को विदेशी दौरों पर Credit Card Payments को एलआरएस (LRS) के तहत लाने के लिए तैयारी करने और तरीके निकालने की बात कही गई है.
दरअसल ऐसा पता चला है, कि फॉरेन ट्रिप्स पर होने वाले क्रेडिट कार्ड खर्च फिलहाल LRS के तहत नहीं आता, जिसकी वजह से ये TCS से बच जाते हैं.
क्या होता है TCS और LRS –
TCS यानि टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स, नाम से ही पता चलता है कि ऐसा टैक्स जो इनकम से इकट्ठा होता है. इस टैक्स में दुकानदार या सेलर , डीलर, वेंडर एक निश्चित दर पर खरीदार से टैक्स कलेक्ट करते हैं. इस टैक्स को लेता बेचने वाला है और सरकार के पास इसे जमा कराने की जिम्मेदारी भी उसी की होती है.
LRS का पूरा नाम है लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम, रेमिटेंस का मतलब होता है किसी देश के बाहर पैसा भेजना.. जब विदेश में रहने वाले हमारे देश के लोग अपने घर पैसे भेजते हैं तो वो धनराशि रेमिटेंस के रूप में हमारे देश में आती है. इसी तरह हमारे देश के लोग बाहर पढ़ने वाले बच्चों को, बिजनेस ट्रिप , घूमने या इलाज के लिए लोग विदेश जाते हैं तो हमारे देश की विदेशी मुद्रा बाहर जाती है. ये भी रेमिंटेंस की कैटेगरी में आता है. इसीलिए इस पर कुछ नियंत्रण रखा जाता है जिसके लिए LRS बनाया गया है.
हमारे देश में 2004 में LRS की शुरूआत हुई थी और उस वक्त सरकार की तरफ से 25 हजार डॉलर को भेजने की मंजूरी थी लेकिन फिलहाल देश में 75 हजार डॉलर तक इस व्यवस्था के तहत भेजे जा सकते हैं. LRS सीमा को आर्थिक परिस्थितियों के हिसाब से बदला जा सकता है. जैसे 2013 के वक्त ये सीमा 2 लाख डॉलर थी जिसे बाद में घटाकर 75 हजार डॉलर किया गया .
यहां एक बात आपको जाननी जरूरी हो जाती है कि फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के बजट में LRS के तहत एक जुलाई 2023 से एजूकेशन और मेडिकल के अलाव भारत से किसी दूसरे देश को पैसा भेजने पर 20 फीसदी TCS का प्रपोजल दिया गया है. इससे पहले भारत से किसी और देश को 7 लाख रुपये से ज्यादा अमाउंट भेजने पर 5 फीसदी टीसीएस लगता था.