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बजट में आर्थिक वृद्धि पर दिया गया जोर, मुंबई को पसंद आने चाहिए प्रस्ताव: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

Mumbai: अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. इसे देखते हुए मोदी सरकार के लिए यह बजट काफी अहम माना जा रहा था.

New Tax Regime: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

New Tax Regime: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

Mumbai: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पेश आम बजट में मुख्य ध्यान आर्थिक वृद्धि पर केंद्रित किया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी वर्तमान सरकार के कार्यकाल का अखिरी बजट पेश किया था. एक फरवरी को बजट पेश करने के बाद सीतारमण ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि बजट में जो प्रस्ताव किये गये हैं, उससे राजकोषीय मजबूती और वृद्धि, विशेष रूप से समावेशी वृद्धि को गति मिलेगी.

वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करने के बाद अपने मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यहां पहुंचीं और उन्होंने इसे लेकर कहा, “वृद्धि पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किया गया है. हम पुनरुद्धार के साथ आर्थिक वृद्धि की बनाये रखना चाहते हैं.”

जनता को दिया श्रेय

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वृद्धि सुनिश्चित करने का श्रेय देश की जनता को दिया और कहा कि जनता ने देश को दूसरी सबसे तेज वृद्धि करने वाली अर्थव्यवस्था बनाने के लिए महामारी के बीच सरकार द्वारा लाए गए राहत और नीतिगत कदमों को तत्परता से स्वीकार किया.

सार्वजनिक पूंजीगत व्यय को लेकर कही यह बात

वित्त मंत्री ने बजट के बारे में आगे बताते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा थी कि उच्च सार्वजनिक पूंजीगत व्यय को जारी रखा जाए. इसी कारण उन्होंने 10 लाख करोड़ रुपये के उच्च परिव्यय का प्रस्ताव रखा.
उन्होंने कहा, “मुंबई को बजट प्रस्ताव पसंद आने चाहिए”

बैठक में कई पहलुओं पर चर्चा हुई

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस दौरान कहा कि पिछले 3-4 साल से हर साल बजट पेश होने के बाद देश में जाकर बजट आउटरीच कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गजों के बजट पर प्रश्नों का जवाब देते हैं. उनके सुझावों को बजट में जोड़ते हैं. आज मुंबई में बैठक हुई. बैठक में कई पहलुओं पर चर्चा हुई.

सरकार के लिए अहम है यह बजट

अगले साल लोक सभा चुनाव होने वाले हैं. इसे देखते हुए मोदी सरकार के लिए यह बजट काफी अहम माना जा रहा था. आम चुनाव से पहले मोदी सरकार का यह आखिरी पूर्ण बजट होने के कारण सभी आय वर्ग के लोगों और देश के कॉरपोरेट सेक्टर को भी इससे बड़ी उम्मीदें थीं.

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