
सांकेतिक तस्वीर.
भारत सरकार ने भारतनेट परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. इस पहल से देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में भी इंटरनेट की कनेक्टिविटी सुनिश्चित हो रही है. इससे न केवल शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के अवसर बढ़े हैं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है. यह ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गति को तेज़ करने का एक प्रभावी तरीका बन गया है.
भाषिनी: भारतीय भाषाओं के लिए एआई-आधारित अनुवाद उपकरण
भाषिनी एक अत्याधुनिक एआई-आधारित अनुवाद उपकरण है, जो भारतीय भाषाओं में संवाद को सरल और सुलभ बनाता है. यह सेवा उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो अपनी मातृभाषा में संवाद करने में सक्षम नहीं होते हैं. भाषिनी के माध्यम से, भारतीय भाषाओं के बीच अनुवाद किया जा सकता है, जिससे संवाद की बाधाएं समाप्त हो रही हैं और डिजिटल सेवाओं तक सभी नागरिकों की पहुँच आसान हो रही है.
डिजिलॉकर: दस्तावेज़ों का डिजिटल संग्रहण
डिजिलॉकर, एक क्लाउड-आधारित लॉकर है, जो नागरिकों को अपनी महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों को ऑनलाइन सुरक्षित रूप से संग्रहित करने और साझा करने की सुविधा प्रदान करता है. यह सेवा नागरिकों को कागजी दस्तावेजों से मुक्ति दिलाने में मदद कर रही है, जिससे समय की बचत होती है और कार्यों में पारदर्शिता बढ़ती है.
आधार: राष्ट्रीय बायोमेट्रिक पहचान पत्र
आधार, भारत का राष्ट्रीय बायोमेट्रिक पहचान पत्र है, जो हर भारतीय नागरिक के लिए एक विशिष्ट पहचान प्रदान करता है. इसके माध्यम से सरकार को लाभार्थियों तक सीधे लाभ पहुंचाने में आसानी होती है और यह सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में भी पारदर्शिता को बढ़ाता है.
भारत में डिजिटल सेवाओं की संख्या में वृद्धि से सरकार की योजनाओं का लाभ नागरिकों तक तेजी से पहुंच रहा है. इन सेवाओं से भारत के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में डिजिटल सशक्तिकरण हो रहा है, जो देश के समग्र विकास में सहायक सिद्ध हो रहा है.
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-भारत एक्सप्रेस
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