नई दिल्ली : फाइनेंशियल ईयर 2022-23 खत्म होने में चंद घंटे बचे हैं…इस पूरे वित्त वर्ष में शेयर बाजार में भारी उतार चढाव देखे गए. दरअसल शेयर बाजार ( SHARE MARKET ) के इस हाल के ग्लोबल के साथ डोमेस्टिक फैक्टर्स भी जिम्मेदारी रहे जिनकी वजह से शेयर मार्केट ( INDIAN SHARE MARKET ) पर दबाव देखा गया. इन कारण कों की वजह से 1 अप्रैल 2022 से 29 मार्च 2023 के बीच सेंसेक्स और निफ्टी दोनों इंडेक्स में गिरावट देखी गई. सेग्मेंट के हिसाब से बात करें तो मिडकैप और स्मालकैप सेग्मेंट में भी कमजोरी देखी गई . खैर बाजार में गिरावट नई बात नहीं है लेकिन बाजार की इस कमजोर चाल की वजह से इंवेस्टर्स को एक दो नहीं बल्कि पूरे 11 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा. ऐसा नहीं है कि निवेशकों को सिर्प नुकसान ही उठाना पड़ा बल्कि कुछ शेयरों में शानदार तेजी रही जिसकी वजह से स्मार्ट इंवेस्टर्स को 5 गुना तक रिटर्न मिला. जब कड़े इतने दिलचस्प हो तो पूरी बात जानना जरूरी हो जाता है तो चलिए आपको बताते हैं फाइनेंसियल ईयर 2022-23 का हाल-
बाजार में इन कारणों से रहा दबाव-
साल 2022 अपनी आशातीत महंगाई की वजह से आने वाले वक्त में याद किया जाएगा. दरअसल अमेरिका में इस साल के दौरान महंगाई रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई. महंगाई का आलम ये था कि अमेरिका में 40 सालों का रिकॉर्ड टूट गया. यूरोप में भी ऊंची महंगी दर की आंच को महसूस किया. घरेलू क्षेत्र में भी महंगाई 6-7 की रेंज में दर्ज की गई. जिसके चलते बैंको को ब्याज दरों में लगातार बढ़ोत्तरी के लिए मजबूर होना पड़ा.
महंगाई ( INFLATION ) और शेयर बाजार में भारी दबाव का एक सबसे बड़ा कारण रूस –यूक्रेन युद्ध रहा, इस युद्ध ने दुनियाभर में सप्लाई चेन को अस्त-व्यस्त कर दिया. अंजाम कमोडिटी की ऊंची कीमतें. वैश्विक स्तर पर इस तरह के हालात देख हर कोई तीसरे विश्वयुद्ध की आशंका से डरता रहा.
इन सेक्टर्स ने डुबोई नैया-
फाइनेंशियल ईयर 2023 ( FINANCIAL YEAR 2023 ) में अबतक सेंसेक्स के 30 में 16 शेयरों में बढ़त तो 14 में गिरावट दर्ज की गई. निफ्टी 50 में 347 अंकों या 2 फीसदी कमजोरी आई और 50 में 28 शेयर कमजोर हुए. मिडकैप इंडेक्स भी 1 फीसदी कमजोर हुआ तो स्मालकैप इंडेक्स में 5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी गई. इन सबके चलते पूरे साल में निवेशकों का 11 लाख करोड़ रूपया डूब गया.
कहां हुई कमाई और कहां पिटाई –
फाइनेंशियल ईयर 2023 में निफ्टी बैंक में 11% फीसदी बढ़त दिखी. इसके अलावा FMCG इंडेक्स 23 फीसदी, कंज्यूमर गुड्स इंडेक्स 24 प्रतिशत और पीएसयू इंडेक्स 8 प्रतिशत मजबूत हुआ. जबकि कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 11और ऑयल एंड गैस में 9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई.
BSE CD -11.27%, ऑटो इंडेक्स 17 प्रतिशत मजबूत हुआ तो मेटल इंडेक्स में 19 प्रतिशत की कमजोरी देखी गई. रियल्टी इंडेक्स में 18 प्रतिशत पावर इंडेक्स में 11 प्रतिशत और BSEIPO इंडेक्स में 26 प्रतिशत की कमजोरी आई.