

टीमलीज एडटेक की ताजा करियर आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष के पहले छह महीनों में फ्रेशर्स और पांच साल से कम अनुभव वाले पेशेवरों की मांग बढ़ने की उम्मीद है. सर्वेक्षण में शामिल 649 कंपनियों में से 74% ने कहा कि वे जून तक के छह महीनों में फ्रेशर्स को नियुक्त करेंगी, जो जुलाई-दिसंबर 2024 की अवधि से 2% अधिक है. इसी अवधि के दौरान 1-5 साल के अनुभव वाले पेशेवरों की भर्ती की मांग भी 66% से बढ़कर 69% हो गई.
2025 की पहली छमाही में कई उद्योगों में फ्रेशर्स की मजबूत भर्ती देखने को मिल सकती है. इसमें ई-कॉमर्स और प्रौद्योगिकी स्टार्टअप शामिल हैं, जिनमें 2024 की दूसरी छमाही की तुलना में 2025 की पहली छमाही में 9% की वृद्धि देखने की उम्मीद है. विनिर्माण के लिए यह वृद्धि 14% और इंजीनियरिंग और बुनियादी ढांचे के लिए 3% की वृद्धि होगी.
आईटी सेक्टर में हुई मजबूत रिकवरी
आईटी सेक्टर ने मजबूत रिकवरी की है, जिसमें प्रवेश स्तर पर नियुक्तियों की संख्या 2024 की दूसरी छमाही में 45% की तुलना में बढ़कर 59% हो गई है. भारत के आईटी उद्योग में 150,000 से अधिक प्रवेश स्तर की नौकरियों के साथ फ्रेशर्स की भर्ती में उछाल देखने को मिल सकता है. प्रमुख आईटी फर्म बढ़ती परियोजना मांगों को पूरा करने के लिए नियुक्तियों में तेजी ला रही हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और उभरती प्रौद्योगिकियों में त्वरित निवेश के कारण वित्त वर्ष 2025 में AI, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स और क्लाउड टेक्नोलॉजी में 30-35% की वृद्धि होने की उम्मीद है.”
टीमलीज एडटेक के संस्थापक और सीईओ शांतनु रूज ने कहा कि नौकरी के बाजार में जॉब हासिल करने के लिए एआई-संचालित डोमेन, अनुकूलनशीलता और डिजिटल दक्षताओं में कौशल विकसित करना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, “फ्रेशर्स को मांग में कौशल का स्मार्ट तरीके से विश्लेषण करने और अंतर को पाटने और अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उन्हें अपने पोर्टफोलियो में जोड़ने की जरूरत है.”
यहां तक कि पारंपरिक रूप से छोटे क्षेत्रों जैसे कि बिजली और ऊर्जा तथा मार्केटिंग और विज्ञापन ने भी क्रमशः 4% और 2% की वृद्धि के साथ मामूली वृद्धि प्रदर्शित की है. इस बीच, मध्य-स्तर (6-10 वर्ष और 11-15 वर्ष का अनुभव) और वरिष्ठ-स्तर के पदों पर पेशेवरों की मांग H1 2025 में कम रहने की संभावना है.
डीप-टेक एक उभरता हुआ क्षेत्र
लोकप्रिय नौकरियों के संदर्भ में डीप-टेक एक उभरता हुआ क्षेत्र प्रतीत होता है, जिसमें क्लिनिकल बायोइनफॉरमैटिक्स एसोसिएट, रोबोटिक्स सिस्टम इंजीनियर, सस्टेनेबिलिटी एनालिस्ट, प्रॉम्प्ट इंजीनियर, AI और मशीन लर्निंग इंजीनियर, क्लाउड इंजीनियर और साइबरसिक्यूरिटी एनालिस्ट जैसी भूमिकाओं की भारी मांग है.
रिपोर्ट में कहा गया है, “कंपनियां विशेष रूप से रोबोटिक प्रक्रिया स्वचालन, प्रदर्शन मार्केटिंग, नेटवर्क सुरक्षा और वित्तीय जोखिम विश्लेषण में कुशल उम्मीदवारों की तलाश कर रही हैं, ताकि समकालीन व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके. तकनीकी विशेषज्ञता से परे, नियोक्ता प्रवेश-स्तर के पदों के लिए महत्वपूर्ण सॉफ्ट स्किल के रूप में कम्प्यूटेशनल सोच, पारस्परिक कौशल, विश्लेषणात्मक तर्क और अनुकूलनशीलता को महत्व देते हैं.”
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-भारत एक्सप्रेस
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