

मूडीज रेटिंग्स ने 2 अप्रैल को भारत की GDP वृद्धि दर 2025-26 के लिए 6.5% रहने का अनुमान लगाया है. यह दर भारत को उन्नत और उभरती हुई G-20 अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश बनाती है.
रिपोर्ट के अनुसार, कर राहत और मौद्रिक नीतियों में नरमी से भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है. इससे घरेलू खपत और निवेश को बढ़ावा मिल रहा है. हालांकि, 2024-25 में अनुमानित 6.7% की तुलना में 2025-26 में मामूली गिरावट देखी जा सकती है. इसके बावजूद, भारत की वृद्धि दर अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अधिक मजबूत बनी रहेगी.
वित्तीय और मौद्रिक नीतियों का असर
मूडीज ने भारत की आर्थिक वृद्धि के पीछे सरकार की नीतियों को एक बड़ा कारक बताया है. केंद्रीय बजट 2025-26 में आयकर छूट की सीमा ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹12 लाख कर दी गई, जिससे मध्यम वर्ग को ₹1 लाख करोड़ की कर राहत मिली.
इसके अलावा, फरवरी में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर इसे 6.25% कर दिया. आगामी 9 अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में एक और दर कटौती की उम्मीद है. ये उपाय आर्थिक स्थिरता बनाए रखते हुए विकास को गति देने में मदद कर सकते हैं.
महंगाई और बाहरी चुनौतियां
मूडीज का अनुमान है कि 2024-25 में भारत की औसत महंगाई दर 4.5% रहेगी, जो पिछले साल 4.9% थी. इसके अलावा, भारत की बाहरी ऋण जोखिम दर 61% होने के कारण, देश वैश्विक वित्तीय अस्थिरता से बचने में सक्षम रहेगा. भारत का अधिकांश विदेशी ऋण घरेलू मुद्रा में है, जिससे मुद्रा विनिमय दर में उतार-चढ़ाव का असर कम होगा.
मूडीज का मानना है कि अमेरिका की नीतिगत अस्थिरता से वैश्विक पूंजी प्रवाह प्रभावित हो सकता है, लेकिन भारत और ब्राजील जैसी बड़ी उभरती अर्थव्यवस्थाएं निवेश आकर्षित करती रहेंगी. भारत की गहरी पूंजी बाजार व्यवस्था और मजबूत घरेलू मांग इसे वैश्विक अनिश्चितताओं से बचाए रखेगी. हालांकि, छोटे और अधिक खुले बाजार वाली अर्थव्यवस्थाएं मुद्रा अस्थिरता और निवेशकों की धारणा में बदलाव के प्रति अधिक संवेदनशील बनी रहेंगी.
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-भारत एक्सप्रेस
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