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भारत का HVAC उद्योग 6,700 करोड़ रुपये के PLI बूस्‍ट से बड़ी वृद्धि के लिए तैयार

HVAC Industry : भारत का HVAC उद्योग 6,700 करोड़ रुपये के PLI समर्थन से वृद्धि की दिशा में अग्रसर है, जिससे ऊर्जा दक्षता और स्थिरता के साथ स्मार्ट HVAC समाधान विकसित होंगे.

India HVAC Industry

एचवीएसी उद्योग

Vijay Ram Edited by Vijay Ram

भारत का हीटिंग, वेंटिलेशन, एयर कंडीशनिंग और रेफ्रिजरेशन (HVAC&R) उद्योग तेजी से वृद्धि की दिशा में अग्रसर है. इस उद्योग की वृद्धि के पीछे शहरीकरण, अवसंरचना विस्तार और ऊर्जा दक्षता एवं स्थिरता पर जोर दिया जा रहा है. हाल ही में, सरकार ने घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने और आयात निर्भरता को कम करने के लिए 6,700 करोड़ रुपये के प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) का ऐलान किया है, जिससे इस क्षेत्र में नई दिशा मिलेगी.

दक्षिण भारत में HVAC की बढ़ती मांग

जानकारी के अनुसार, दक्षिण भारत देश के HVAC मांग का 40 प्रतिशत हिस्सा अकेले प्रदान करता है, जिसमें बेंगलुरु सबसे आगे है, जो राष्ट्रीय खपत का 20 प्रतिशत हिस्सा है. यह शहर स्मार्ट कंट्रोलर्स और उन्नत HVAC प्रौद्योगिकी में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. इसके साथ ही, उद्योग ऊर्जा दक्षता, स्थिरता और नवाचार पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है, ताकि ग्राहकों की बदलती आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके.

ACREX 2025 – HVAC टेक्नोलॉजी का मंच

HVAC और स्मार्ट बिल्डिंग टेक्नोलॉजी से संबंधित एक तीन दिवसीय एक्सपो, ACREX 2025, आगामी वर्ष में HVAC प्रौद्योगिकियों में वैश्विक अग्रिमताओं को प्रदर्शित करेगा. इस आयोजन में 40 से अधिक देशों के 500 प्रदर्शक और 30,000 से अधिक आगंतुकों के आने की उम्मीद है. यह आयोजन उद्योग के लिए सरकार अधिकारियों, प्रमुख उद्योग नेताओं और अन्य पक्षधारकों से संवाद का एक उत्कृष्ट अवसर है.

सरकार का समर्थन और उद्योग के लिए भविष्य

भारत सरकार पहले ही कंपनियों को आयात निर्भरता कम करने और देश की निर्माण क्षमताओं को मजबूत करने के लिए 5,700 करोड़ रुपये का अनुदान दे चुकी है. PLI योजना के तहत एयर कंडीशनर्स और LED लाइट्स उद्योग के लिए एक समग्र घटक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की दिशा में काम किया जाएगा, जिससे भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का हिस्सा बनाया जाएगा.

शहरीकरण से बढ़ती HVAC की आवश्यकता

भारत के शहरीकरण और अवसंरचना विकास ने शहरी जनसंख्या में वृद्धि को बढ़ावा दिया है, जो 2030 तक 590 मिलियन तक पहुँचने की उम्मीद है. इसके चलते आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक स्थानों में HVAC प्रणालियों की आवश्यकता और बढ़ेगी. सरकार की स्थायी विकास और स्मार्ट शहरों पर ध्यान केंद्रित करने की नीति ने HVAC प्रौद्योगिकियों में निवेश को बढ़ावा दिया है. इसके परिणामस्वरूप, ऊर्जा दक्ष, पर्यावरण के अनुकूल और स्मार्ट HVAC प्रणालियों के विकास ने इस उद्योग की वृद्धि की संभावनाओं को मजबूत किया है.

HVAC उद्योग में परिवर्तन और संभावनाएं

योगेश मुद्रास, प्रबंध निदेशक, इंफोर्मा मार्केट्स इंडिया ने कहा, “HVAC उद्योग भारत में एक परिवर्तनकारी बदलाव का अनुभव कर रहा है, जो स्मार्ट, जुड़े और स्थायी जलवायु नियंत्रण समाधानों की बढ़ती मांग से प्रेरित है. उद्योग 16 प्रतिशत की CAGR से तेजी से बढ़ने के लिए तैयार है.”

ऊर्जा दक्षता और स्थिरता की ओर बढ़ते कदम

ISHRAE के अध्यक्ष अनुरूप बलानी ने कहा, “HVAC उद्योग भारत के स्थिरता लक्ष्यों को बढ़ावा देने में एक प्रमुख चालक है, जो ऊर्जा दक्षता, इनडोर वायु गुणवत्ता, और अवसंरचना लचीलापन में योगदान कर रहा है. हम अगले-जनरेशन HVAC समाधान के माध्यम से कौशल विकास, नवाचार और स्मार्ट रेट्रोफिटिंग रणनीतियों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”

आने वाली चुनौतियाँ और सरकार की नीतियाँ

उद्योग को ऊर्जा दक्ष उत्पादों को लाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि सरकार ऊर्जा खपत को घटाने और स्थायी प्रथाओं को अपनाने पर जोर दे रही है, जैसे कि पर्यावरण के अनुकूल रेफ्रिजरेंट्स का उपयोग और अपशिष्ट को कम करना.



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