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उभरते बाजारों में उथल-पुथल के बीच भारतीय बाजार सुरक्षित आश्रय के रूप में उभरेगा: Geoff Dennis

स्वतंत्र EM टिप्पणीकार ज्योफ डेनिस ने कहा कि कुछ हद तक भारत और चीन 2024 में बेहतर प्रदर्शन करने वाले बने रहेंगे और कोई कारण नहीं दिखता कि दक्षिण कोरिया की घटना के कारण इसमें बदलाव हो.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर: IANS)

दक्षिण कोरिया (South Korea) इन दिनों राजनीतिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है. बीते दिनों इस देश में मार्शल लॉ (Martian Law) लागू किया गया और फिर उसे हटा भी दिया गया. अब महाभियोग की खबरें आ रही हैं, दक्षिण कोरिया में केंद्रीय बैंक की असाधारण आम बैठक के संबंध में बहुत कुछ चल रहा है.

इस बीच यह सवाल उठता है कि क्या भारत उन सुरक्षित पनाहगाहों में से एक है, जहां राजनीतिक स्थिरता है, जहां आर्थिक स्थिरता है, जब चीन, दक्षिण कोरिया, पश्चिम एशिया अन्य देश भी तमाम तरह के उथल-पुथल के दौर से गुजर रहे हैं.

दक्षिण कोरिया की घटना

इसे लेकर स्वतंत्र EM (Emerging Markets) टिप्पणीकार ज्योफ डेनिस (Geoff Dennis) कहते हैं, ‘हां, ऐसा ही है और मैंने हमेशा इस पर बहस की है. चाहे बाजार ऊपर जा रहे हों या नीचे, मुझे लगता है कि सापेक्ष रूप से भारत एक अच्छी जगह है. मेरा मतलब है, दक्षिण कोरिया में ये घटनाएं स्पष्ट रूप से असाधारण हैं और पूरी तरह से अप्रत्याशित हैं. किसी ने भी इनके आने की कल्पना नहीं की थी.’


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भारतीय बाजार विकल्प

उन्होंने कहा, ‘दक्षिण कोरिया इस साल बहुत कमजोर बाजार रहा है. EM इंडेक्स (Emerging Markets Index) में डॉलर के लिहाज से यह लगभग 19% नीचे है और इसलिए यह कोरियाई बाजार के लिए और भी ज्यादा दर्द का मामला है और हमें देखना होगा कि राजनीति कैसे आगे बढ़ती है. लेकिन यह निश्चित रूप से उन लोगों के लिए अच्छा नहीं है, जो कोरियाई बाजार में बॉटम फिशिंग के बारे में सोच सकते हैं. इसलिए एक हद तक यह भारतीय बाजार में मौजूद कुछ वैकल्पिक गुणों पर जोर देता है.’

भारत और चीन बेहतर

मालूम हो कि बॉट फिशिंग एक चलन है, जिसके उन शेयरों या अन्य वित्तीय परिसंपत्तियों को खरीदा जाता है, जिनके मूल्य में उल्लेखनीय गिरावट आई है. उन्होंने कहा, ‘मुझे अभी भी लगता है कि ​दक्षिण कोरिया में राजनीतिक अस्थिरता के बारे में पूरी अनिश्चितता को नियंत्रित किया जाएगा. कोई कारण नहीं है कि कोरिया में मार्शल लॉ की घोषणा का क्षेत्र के अन्य हिस्सों पर सीधा प्रभाव पड़े. और अगर आप क्षेत्र के बाकी हिस्सों को देखें, तो ताइवान जैसे बाजार और कुछ हद तक भारत और चीन 2024 में बेहतर प्रदर्शन करने वाले बने रहेंगे और मुझे कोई कारण नहीं दिखता कि इस घटना के कारण इसमें बदलाव हो.’

-भारत एक्सप्रेस



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