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पिछले 6 वर्षों में भारत के डेटा सेंटर बाजार में 60 बिलियन डॉलर का हुआ निवेश: रिपोर्ट

रियल एस्टेट कंसल्टेंट सीबीआरई साउथ एशिया की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत के तेजी से बढ़ते डेटा सेंटर बाजार ने 2019-2024 के बीच घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित किया है.

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प्रतीकात्मक फोटो.

रियल एस्टेट कंसल्टेंट सीबीआरई साउथ एशिया की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत के तेजी से बढ़ते डेटा सेंटर बाजार ने 2019-2024 के बीच घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित किया है. 60 बिलियन डॉलर का निवेश किया गया है.

वहीं, मौजूदा विकास दर को देखते हुए 2027 के अंत तक क्यूमलेटिव इंवेस्टमेंट कमिटमेंट में 100 बिलियन डॉलर को पार करने की उम्मीद जताई गई है. मुंबई में डेटा सेंटर स्टॉक का दबदबा बना हुआ है, इसके बाद चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु का स्थान है, जो सितंबर तक देश के कुल डेटा सेंटर स्टॉक का 90 प्रतिशत हिस्सा है.

भारत की वर्तमान डेटा सेंटर क्षमता लगभग 1,255 मेगावाट

रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में भारत का कुल डीसी स्टॉक लगभग 19 मिलियन वर्ग फीट (भूमि क्षेत्र) है, जिसके 2025 के अंत तक 31 मिलियन वर्ग फीट तक पहुंचने की उम्मीद है. यह क्षेत्र 2025 में शानदार वृद्धि के लिए तैयार है, मुंबई, चेन्नई और दिल्ली-एनसीआर जैसे प्रमुख शहरों में लगभग 475 मेगावाट कैपेसिटी निर्माणाधीन है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले वर्ष के लिए बीएफएसआई और प्रौद्योगिकी कंपनियां मांग बढ़ाने को लेकर प्रमुख होंगी.

रिपोर्ट में बताया गया है कि अहमदाबाद, कोच्चि, विशाखापत्तनम और लखनऊ जैसे टियर-2 शहर क्षेत्रीय डेटा खपत वृद्धि और लागत-दक्षता लाभों के कारण डेटा केंद्रों के लिए प्रमुख स्थानों के रूप में लोकप्रिय हो रहे हैं.  राज्यवार महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल क्युमुलेटिव इंवेस्टमेंट कमिटमेंट के मामले में अग्रणी राज्य बनकर उभरे हैं. भारत की वर्तमान डेटा सेंटर क्षमता लगभग 1,255 मेगावाट है और 2024 के अंत तक इसके 1,600 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है.

देश में तेजी से बढ़ रहा प्रौद्योगिकी प्रसार

रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में तेजी से बढ़ता प्रौद्योगिकी प्रसार, डिजिटल परिवर्तन, इंटरनेट की बढ़ती पहुंच, नीतिगत समर्थक और एआई-जनरेटेड डेटा कार्यभार में बढ़ोतरी इस वृद्धि के लिए अहम होंगे. रिपोर्ट में बताया गया है कि स्थिरता एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता बन गई है, इसलिए रिन्यूएबल एनर्जी समाधानों और एडवांस कूलिंग टेक्नोलॉजी को इंटीग्रेट करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जो एनर्जी एफिशिएंसी (ऊर्जा संबंधी दक्षता) को बढ़ाने में मदद कर रहे हैं.

इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई वर्कलोड के ट्रेडिशनल क्लाउड कंप्यूटिंग मांगों को पार करने की उम्मीद के साथ, डेटा सेंटर ऑपरेटर एआई-ड्रिवन एप्लीकेशन की उभरती जरूरतों को एडजस्ट करने के लिए अपने इकोसिस्टम को अपग्रेड कर रहे हैं.

-भारत एक्सप्रेस



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