केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह. (फाइल फोटो)
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने FE Green Sarathi summit में घोषणा की कि देश के बायोटेक इकोसिस्टम में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. 2014 में जहां देश में केवल 50 बायोटेक स्टार्टअप्स थे, वहीं अब इनकी संख्या 9,000 तक पहुंच गई है. बायोइकोनॉमी में भी महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है, जो 2014 में 10 अरब डॉलर से बढ़कर 2024 तक 130 अरब डॉलर तक पहुंच गई है और 2030 तक 300 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.
भारत का बायोइकोनॉमी में योगदान
मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि भारत की बायोइकोनॉमी का विकास सिर्फ संख्या में ही नहीं, बल्कि इसके योगदान में भी उल्लेखनीय है. देश का बायोटेक क्षेत्र अब वैश्विक मानकों पर खड़ा है, जो भारतीय उद्योग के लिए एक अहम उपलब्धि है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत का लक्ष्य 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन लक्ष्य प्राप्त करना है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने COP-26 में घोषित किया था.
सरकार के पर्यावरणीय और टिकाऊ विकास
मंत्री जितेंद्र सिंह ने भारतीय सरकार द्वारा किए गए पर्यावरणीय और टिकाऊ विकास प्रयासों पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि भारत ने ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, जलवायु परिवर्तन मिशन और बायोडाइवर्सिटी मिशन जैसी कई पहलें शुरू की हैं. विशेष रूप से गहरे समुद्र मिशन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारत इस मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है.
तटीय क्षेत्रों और बायोटेक्नोलॉजी नीति की महत्ता
मंत्री जितेंद्र सिंह ने भारत के तटीय क्षेत्रों को लेकर भी बात की और कहा कि इन क्षेत्रों में विशाल जैव विविधता, खनिज और धातुएं हैं, जिनका उपयोग देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए किया जाएगा. इसके साथ ही, उन्होंने बायोटेक्नोलॉजी नीति, जिसे ‘BioE3’ नाम दिया गया है, का उल्लेख किया, जो बायोइकोनॉमी और सेलुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है.
यह भी पढ़िए: मध्य दिसंबर तक प्रत्यक्ष कर संग्रह 16.45% बढ़कर 15.82 लाख करोड़ रुपये पहुंचा
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.