मौजूदा वित्तीय वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह (डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन) ने नई ऊंचाई छू ली है. टैक्स रिफंड को समायोजित करने के बाद केंद्र सरकार ने कंपनियों और व्यक्तियों से 15.8 लाख करोड़ रुपये का कर संग्रह किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 16.45% अधिक है और यह बजट अनुमान को भी पीछे छोड़ रहा है.
व्यक्तिगत और गैर-कार्पोरेट टैक्स में तेज वृद्धि
व्यक्तिगत और अन्य गैर-कार्पोरेट टैक्स संग्रह (जैसे पार्टनरशिप और स्थानीय निकायों से) में 22% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो अब 7.97 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. वहीं, कॉर्पोरेट कर संग्रह में 8.6% की बढ़ोतरी हुई है और यह 7.42 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा है. यह जानकारी आयकर विभाग ने 17 दिसंबर तक के आंकड़ों के आधार पर साझा की.
टैक्स रिफंड में भी बढ़ोतरी
कॉर्पोरेट टैक्स रिफंड में इस साल 70% की वृद्धि हुई है, जो 1.82 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. वहीं, गैर-कार्पोरेट टैक्स रिफंड 1.56 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की तुलना में 20% अधिक है.
बजट लक्ष्य के करीब पहुंचा टैक्स संग्रह
सरकार ने इस साल प्रत्यक्ष कर संग्रह में 13% की वृद्धि का लक्ष्य रखा था. अब तक, कुल बजट लक्ष्य 22 लाख करोड़ रुपये का 72% पूरा हो चुका है.
उन्नत तकनीक से कर संग्रह में सुधार
आयकर संग्रह में इस वृद्धि को कर प्रशासन में दक्षता और उन्नत तकनीक, खासकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग का नतीजा माना जा रहा है.
एक्सपर्ट अमित माहेश्वरी ने कहा कि कर अधिकारियों द्वारा बैंकों, वित्तीय संस्थानों और संपत्ति रजिस्ट्रार से प्राप्त जानकारी को कर रिटर्न में घोषित आय से मिलाने के लिए तकनीक का व्यापक उपयोग किया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि पूंजी बाजार में हालिया उछाल के कारण करदाताओं को अधिक पूंजीगत लाभ कर (कैपिटल गेन टैक्स) देना पड़ रहा है.
टैक्स अनुपालन बढ़ाने के लिए अभियान शुरू
आयकर विभाग ने मंगलवार को टैक्स अनुपालन बढ़ाने के लिए एक नया अभियान शुरू किया है. इसके तहत एसएमएस और ईमेल भेजकर उन लोगों से विवरण सुधारने को कहा जा रहा है, जिनके लेनदेन के विवरण और उनके कर रिटर्न में अंतर पाया गया है. इसके अलावा, विभाग उन लोगों तक भी पहुंचेगा जिन्होंने उच्च-मूल्य के लेनदेन तो किए हैं, लेकिन अभी तक कर रिटर्न दाखिल नहीं किया है. वित्त वर्ष 2024 के लिए संशोधित या विलंबित कर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है.
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सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) में जबरदस्त वृद्धि
सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) संग्रह इस साल 40,114 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 85% अधिक है. STT वह कर है जो शेयर बाजार में इक्विटी, डेरिवेटिव्स और म्यूचुअल फंड्स के लेनदेन पर लगाया जाता है. इसकी दर 0.001% से 0.2% के बीच होती है, जो सिक्योरिटी के प्रकार पर निर्भर करती है. प्रत्यक्ष कर संग्रह में यह बढ़ोतरी देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है. बढ़े हुए कर राजस्व से सरकार को सार्वजनिक परियोजनाओं और विकास कार्यों में अधिक निवेश करने का अवसर मिलेगा.
-भारत एक्सप्रेस
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