

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश में इस वक्त 28 लाख से अधिक कंपनियां पंजीकृत हैं और उनमें से केवल 65 प्रतिशत या 18.1 लाख से कुछ अधिक कंपनियां सक्रिय हैं. कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत पंजीकृत कंपनियों में से केवल 5,216 विदेशी कंपनियां हैं और उनमें से 63 प्रतिशत या 3,281 इकाइयां जनवरी के अंत तक सक्रिय थीं. 31 जनवरी तक देश में 5,216 विदेशी कंपनियां पंजीकृत थीं और उनमें से 63 प्रतिशत या 3,281 संस्थाएं सक्रिय थीं.
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के ताजा आंकड़ों से यह भी पता चला है कि पिछले महीने 816.14 करोड़ रुपये की सामूहिक चुकता पूंजी के साथ कुल 16,781 कंपनियां पंजीकृत थीं.
मंत्रालय ने अपने नवीनतम मासिक सूचना बुलेटिन में कहा कि 31 जनवरी, 2025 तक देश में कुल 28,05,354 कंपनियां पंजीकृत थीं, जिनमें से 65 प्रतिशत (18,17,222) कंपनियां सक्रिय हैं. दिसंबर 2024 की तुलना में पंजीकृत कंपनियों के संबंध में सक्रिय कंपनियों के कुल अनुपात में 0.14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वहीं 9,49,934 कंपनियां बंद हो चुकी हैं.
व्यावसायिक सेवाओं में 27 प्रतिशत सक्रिय कंपनियां
क्षेत्रों के हिसाब से सबसे अधिक, 27 प्रतिशत, सक्रिय कंपनियां व्यावसायिक सेवाओं में थीं. उसके बाद विनिर्माण (20 प्रतिशत), व्यापार और समुदाय, व्यक्तिगत और सामाजिक सेवाएं (13 प्रतिशत) थीं. सबसे अधिक सक्रिय कंपनियां महाराष्ट्र में थीं, उसके बाद दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल का स्थान था.
मंत्रालय ने कहा, “केंद्र शासित प्रदेशों में जम्मू और कश्मीर ने दिसंबर 2024 की तुलना में 112 कंपनियों की वृद्धि दिखाई. वहीं दिसंबर 2024 की तुलना में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली राज्यों में सक्रिय कंपनियों की संख्या में भी वृद्धि देखी गई है.”
मंत्रालय ने कहा कि “नवंबर 2024 से जनवरी 2025 के दौरान कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ पंजीकृत 16 नई विदेशी व्यावसायिक संस्थाओं में से 37.50 प्रतिशत दिल्ली में, 18.75 प्रतिशत केरल में, 12.50 प्रतिशत तमिलनाडु में, 6.25 प्रतिशत आंध्र प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में स्थापित की गईं.”
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-भारत एक्सप्रेस
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