
लोकतंत्रों की पहचान उनकी जवाबदेही से होती है—विशेषकर तब, जब बात देश के सबसे कमजोर वर्गों तक लाभ पहुंचाने की हो. भारत में यह मानदंड और भी कड़ा है. यहां सिर्फ बातें नहीं चलतीं, बल्कि जनविश्वास वास्तविक कार्यों और परिणामों से बनता है. इसलिए, मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले साल में दिल्ली, महाराष्ट्र और हरियाणा जैसी जगहों पर मिली शानदार जीत यह साबित करती है कि देश अब वादों से नहीं, परिणामों से नेतृत्व को परखता है.
‘अंत्योदय से सर्वोदय’ की मूल भावना पर आधारित योजनाएं यह सुनिश्चित करती हैं कि हर भारतीय को विकास का लाभ मिले. अब तक 25 करोड़ से ज्यादा नागरिक बहुआयामी गरीबी की सीमा से बाहर निकाले गए हैं.
PM-KISAN योजना के अंतर्गत 11 करोड़ किसानों को ₹3.68 लाख करोड़ से अधिक की सीधी सहायता दी गई है.‘लखपति दीदी’ कार्यक्रम ने एक करोड़ से अधिक महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर सालाना ₹1 लाख से ज्यादा कमाने लायक बनाया है.
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लगभग 3 करोड़ घरों को मंजूरी मिल चुकी है. जल जीवन मिशन के माध्यम से 15.44 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल से जल उपलब्ध कराया गया है. आयुष्मान भारत योजना का विस्तार करते हुए अब 70 साल से ऊपर के सभी नागरिकों को ₹5 लाख तक की मुफ्त स्वास्थ्य सुरक्षा दी जा रही है, चाहे उनकी आर्थिक स्थिति कुछ भी हो.
आतंकवाद के विरुद्ध भारत की स्पष्ट नीति
पहलगाम हमले में निर्दोष पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने एक बार फिर अपनी ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को स्पष्ट कर दिया. ऑपरेशन सिंदूर न सिर्फ देश की प्रतिक्रिया थी, बल्कि यह दुनिया को भारत की सामरिक शक्ति और तकनीकी सक्षमता का प्रमाण भी बना. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह संदेश दिया गया कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा से कभी समझौता नहीं करेगा.
रक्षा आत्मनिर्भरता और वैश्विक निर्यात
2014 के बाद से भारत ने रक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार किए हैं. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत, रक्षा खरीद प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और दक्षता लाई गई. 100% FDI को कुछ क्षेत्रों में अनुमति दी गई, जिससे घरेलू कंपनियों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिली. PLI योजनाएं ड्रोन और रक्षा उपकरणों में नवाचार को तेजी से बढ़ावा दे रही हैं. आज भारत की बनी मिसाइलें, टैंक और नेवी प्लेटफॉर्म 80 से ज्यादा देशों में निर्यात किए जा रहे हैं.
मैन्युफैक्चरिंग और स्टार्टअप नवाचार
भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्रांति अब वैश्विक मंच पर उभर रही है.
असम में Tata Electronics ₹27,000 करोड़ के निवेश से सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित कर रही है, जिससे 27,000 रोजगार सृजित होंगे.
HCL और Foxconn यूपी के जेवर में ₹3,706 करोड़ की लागत से डिस्प्ले ड्राइवर चिप निर्माण शुरू करेंगे.
स्टार्टअप सेक्टर भी भर रहा है उड़ान
1.57 लाख से ज्यादा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स, 100+ यूनिकॉर्न औऱ 3,600+ डीपटेक कंपनियां AI, बायोटेक और सेमीकंडक्टर सेक्टर में काम कर रही हैं. अब तक 17 लाख से अधिक नौकरियां इस सेक्टर ने दी हैं. 200+ स्पेस स्टार्टअप भारत को अंतरिक्ष में नई ऊंचाइयों तक ले जा रहे हैं.
डिजिटल भारत: दुनिया का सबसे कनेक्टेड लोकतंत्र
80 करोड़ से अधिक इंटरनेट यूजर, 136 करोड़ आधार रजिस्ट्रेशन UPI के माध्यम से भारत अब वैश्विक डिजिटल पेमेंट का 46% हिस्सेदार है. यह केवल तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि एक सशक्त, पारदर्शी और स्मार्ट प्रशासनिक प्रणाली का प्रमाण है.
-भारत एक्सप्रेस
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