सांकेतिक तस्वीर.
भारत में इस साल नवंबर में स्मार्टफोन निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है, जो पहली बार एक महीने में 20,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया. स्मार्टफोन निर्यात को लेकर सबसे ज्यादा वृद्धि एप्पल को लेकर देखी गई.
20 हजार करोड़ के पार हुआ निर्यात
इंडस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार, स्मार्टफोन निर्यात 20,300 करोड़ रुपये को पार कर गया, जो पिछले साल की समान अवधि से 90 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है. पिछले महीने निर्यात में एप्पल सबसे आगे रहा, उसके बाद सैमसंग का स्थान रहा. उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल नवंबर में देश से स्मार्टफोन निर्यात 10,600 करोड़ रुपये से अधिक था.देश में स्मार्टफोन बाजार के 2024 तक एकल अंकों की वार्षिक वृद्धि के साथ बाहर निकलने की उम्मीद है.
इस बीच, सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के साथ देश में एप्पल के आईफोन का उत्पादन वित्त वर्ष 2025 के सात महीनों (अप्रैल-अक्टूबर) में 10 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें अकेले 7 बिलियन डॉलर का निर्यात हुआ, जो एक रिकॉर्ड है.
एप्पल कंपनी सबसे आगे
वित्त वर्ष 2024 में टेक दिग्गज ने भारत में 14 बिलियन डॉलर के आईफोन का मैन्युफैक्चर/एसेंबल किया और 10 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के आईफोन का निर्यात किया. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, यह 7 महीनों में स्मार्टफोन पीएलआई योजना के लिए एक और मील का पत्थर है.
केंद्रीय मंत्री ने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा था, “एप्पल द्वारा 10 बिलियन डॉलर के आईफोन का उत्पादन और 7 बिलियन डॉलर का निर्यात हुआ है. भारत से कुल स्मार्टफोन निर्यात 7 महीनों में 10.6 बिलियन डॉलर को पार कर गया.”
प्रीमियम, 5जी और एआई स्मार्टफोन की मजबूत मांग के कारण भारत के स्मार्टफोन बाजार में इस वर्ष 7-8 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है. भारत में मोबाइल हैंडसेट बाजार में स्थिर वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है.
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जानकारों के अनुसार, वित्त वर्ष 2030 तक 500 बिलियन डॉलर के लोकल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, उद्योगों को मोबाइल विनिर्माण के नेतृत्व में 2030 तक इस क्षेत्र में शीर्ष तीन वैश्विक निर्यातकों में से एक के रूप में उभरने के लिए निर्यात वृद्धि को प्राथमिकता देनी चाहिए.
इंडिया सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के आंकड़ों के अनुसार, मोबाइल फोन का उत्पादन 2014-15 में 18,900 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में अनुमानित 4.10 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पीएलआई योजना के कारण 2,000 प्रतिशत की भारी वृद्धि दर्ज करता है.
-भारत एक्सप्रेस
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