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‘अगर किसी काम को करने पर बेचैनी नहीं तो आप सफल..’, जन्मदिन के अवसर पर Bharat Express के CMD उपेन्द्र राय ने सुनाए प्रेरक प्रसंग

भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन, सीएमडी और एडिटर-इन-चीफ उपेन्द्र राय ने अपने जन्मदिन के अवसर पर भारत एक्सप्रेस के परिवारजनों को संबोधित किया. सेलिब्रेशन का वीडियो और कुछ खास तस्वीरें यहां देखिए.

Bharat Express CMD Upendra Rai birthday

बर्थडे सेलिब्रेशन के दौरान भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन, सीएमडी और एडिटर-इन-चीफ उपेन्द्र राय.

Noida: भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के हेडक्वार्टर में आज भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन, सीएमडी और एडिटर-इन-चीफ उपेन्द्र राय का जन्मदिन मनाया गया. इस अवसर पर जश्न में भारत एक्सप्रेस समूह का पूरा परिवार मौजूद रहा. CMD उपेन्द्र राय ने अपने संबोधन में कई प्रेरक प्रसंग सुनाए. उन्होंने विश्व के महान भौतिकविद् आइंस्टीन से लेकर महाभारत-काल के कुरुक्षेत्र युद्ध, महात्मा बुद्ध, महावीर स्वामी, बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान से जुड़ी बातें बताईं.

CMD उपेन्द्र राय ने अपने जन्म दिवस के मौके पर सफलता का मूलमंत्र भी समझाया. उन्होंने कहा, ‘अगर किसी काम को करने पर बेचैनी नहीं तो आप सफल होंगे ही.’ उन्होंने कहा कि हम जन्मदिन इसलिए नहीं मनाते कि हम कम की गणना करें. मनाने का जो सार है वो पॉजिटिव है कि हम आगे क्या करें, आगे क्या देखें, क्या अचीव करें. अपने जीवन में कौन से लोग जुड़े, कौन से लोग घटे, जन्मदिन यह सब भी याद दिलाता है. मैंने अपने जीवन में कभी शिकायत नहीं की. मैं किसी के भी मन और दिल को तोड़ने की बात नहीं करता. मैं यह मानता हूं कि मेरे ऊपर परमात्मा की असीम कृपा है.’

शायराना अंदाज में CMD उपेन्द्र राय ने कहा, “अभी जब मैं आ रहा था तो मशहूर शायर जौन एलिया साहब का एक शेर पढ़ रहा था, कि मैं इस तरह हार जाऊंगा कि तुम जीतकर भी पछताओगे. इसलिए हार को स्वीकार करना चाहिए.”

उन्होंने कहा, “मुझे (पत्रकारिता में) काम करते हुए 28 वर्ष हो चुके हैं. नवंबर 2022 में भारत एक्सप्रेस शुरू हुआ था. फरवरी 2023 में हमने इसे आधिकारिक रूप से लॉन्च किया. आप सबको भारत एक्सप्रेस के 2 साल के सफर के लिए भी बधाई. अगले महीने हमें दो साल पूरे हो जाएंगे.”

उन्होंने ​जीवन में किताबों की अहमियत समझाई. उन्होंने कहा, “किताब जिंदगी का बेहद अहम हिस्सा होती हैं. मगर, हम भारतीयों को शायद किताबें इतनी महत्वपूर्ण नहीं लगतीं. आपको इससे हैरानी होगी कि दुनिया में सबसे ज्यादा किताबें पढ़ने वालों की बात होती है तो उन देशों की गिनती में भारत नहीं आता. यानी भारतीयों से ज्यादा अन्य देशों के लोग किताब पढ़ते हैं. ये भी तब है जबकि अतीत में दुनिया वाले भारत से ज्ञान ग्रहण करते थे. आज हमें साइंस-टेक्नोलॉजी के लिए पश्चिमी देशों की ओर झांकना पड़ता है.”

उन्होंने यह भी कहा कि कुछ मामलों में हमारा (इंसानों का) नजरिया बेहद संकीर्ण है. हमें हार को स्वीकार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इंसानों के लिए खुशी भौतिक उपलब्धियां से भी आती है. लोगों को उसी इंसान की बात अच्छी लगती है, जिसके पास कुछ हो.


¤ जन्मदिवस की झलकियां ¤


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