सांकेतिक फोटो-सोशल मीडिया
CPM Manifesto : लोकसभा चुनाव-2024 को लेकर राजनीतिक दलों का घोषणा पत्र जारी होने शुरू हो गया है. इसी क्रम में सीपीआई (एम) ने अपने मेनिफेस्टो में देश के परमाणु हथियारों को खत्म करने का वादा कर नया विवाद खड़ा कर दिया है. भाजपा लगातार इंडिया गठबंधन पर निशाना साध रही है हालांकि इस विवाद से कांग्रेस ने दूरी बना ली है. कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि इन सब बातों का जवाब सीपीआईएम ही देगी. हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है.
राजस्थान के बाड़मेर की जनता को सम्बोधित करते हुए हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी हमला बोला था. उन्होंने इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा था कि विपक्षी गठबंधन में शामिल एक दल ने देश के खिलाफ खतरनाक ऐलान किया है और भारत के परमाणु हथियार को नष्ट करने की बात कही है. भारत के पड़ोसी देशों के पास परमाणु हथियार है और इस देश का एक दल परमाणु हथियार समाप्त करने की बात कह रहा है. इसके बाद उन्होंने जनता से पूछा था कि क्या ये ठीक होगा?
इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा था कि मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि आपके ये साथी किसके इशारे पर काम कर रहे हैं. आखिर किसके दबाव में आपका ये गठबंधन हमारे परमाणु हथियारों को समाप्त करना चाहता है और भारत को शक्तिहीन कर देना चाहता है. तो वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता कविंद्र गुप्ता ने चुनाव आयोग को सीपीएम के देशविरोधी व्यवहार पर संज्ञान लेने की अपील की है और आरोप लगाया है कि वह चीन के इशारे पर काम कर रही है.
जेडीयू ने भी की आलोचना
तो वहीं सीपीएम के इस चुनावी वादे को लेकर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने भी विरोध दर्ज कराया है. जेडीयू के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन ने कहा कि भारत एक सशक्त देश है और उसे अपनी इस लय को बरकरार रखने की जरूरत है. तो वहीं सपा सांसद रामगोपाल यादव ने भी इसका विरोध किया है और कहा कि परमाणु हथियारों को नष्ट करना संभव नहीं है. हम ऐसा नहीं कर सकते. हम इसका समर्थन नहीं करेंगे.
जाने दुनिया में सबसे अधिक परमाणु हथियार किस देश के पास है
बता दें कि भारत ने पहली बार उस समय परमाणु परीक्षण हुआ, जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं. 18 मई 1974 को राजस्थान के पोखरण में परमाणु परीक्षण किया गया था लेकिन ये परीक्षण असफल हो गया था. इसके बाद 11 से 13 मई 1998 के बीच पोखरण में एक बार फिर परमाणु परीक्षण किया गया. इस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी. तब पांच परमाणु परीक्षण किए गए थे और पूरी दुनिया में तहलका मच गया था. अमेरिका और चीन को साथ ही दुनिया के कई देशों ने इसको लेकर आपत्ति जताई था. अमेरिका ने भारत पर कई प्रतिबंध लगा दिए थे. हालांकि 13 मई 1998 को भारत परमाणु संपन्न देश बन गया था. तो वहीं किस देश के पास कितने परमाणु हथियार हैं इसको लेकर फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट की मानें तो उसके अनुमान के मुताबिक विश्व में अगर किसी देश के पास सबसे अधिक परमाणु हथियार हैं तो वो अमेरिका और रूस है. इसके बाद चीन के पास 350, पाकिस्तान के पास 165, भारत के पास 160 परमाणु हथियार है.
जानें क्या है सीपीएम के मेनिफेस्टो में?
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) यानी सीपीआई (एम) ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि अगर होने जा रहे चुनाव में उसकी सरकार बनती है तो वह गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA),धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA),राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) और नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) जैसे कानूनों को खत्म कर देगी. इसी के साथ ही पार्टी ने भारत के परमाणु हथियारों को भी खत्म करने का वादा किया है. यही नहीं मिलिट्री बेसों को भी खत्म करने का वादा किया है. नई पेंशन योजना खत्म करने के साथ ही कई राज्यों द्वारा बनाए गए धर्मांतरण विरोधी कानूनों को भी खत्म करने का वादा किया है. इसी के बाद से पार्टी का विरोध किया जा रहा है.
-भारत एक्सप्रेस
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