

दिल्ली विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राजधानी में राजनीति गरमा गई है. आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के यमुना नदी में जहर मिलने वाले बयान पर विवाद खड़ा हो गया है. इस बयान के बाद बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही चुनाव आयोग के पास पहुंच गए और केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
केजरीवाल के चुनाव प्रचार पर बैन लगाने की मांग
बीजेपी की ओर से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चुनाव आयोग से मुलाकात कर केजरीवाल के चुनाव प्रचार पर बैन लगाने की मांग की. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है. यह बयान न सिर्फ भारत के संघीय ढांचे के लिए खतरनाक है, बल्कि निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया पर भी सवाल उठाता है.
सीतारमण ने केजरीवाल के बयान को गैरजिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि यह हरियाणा के लोगों का अपमान है, जिन्होंने अपने मुख्यमंत्री को चुना है. उन्होंने पूछा, “कैसे एक पूर्व मुख्यमंत्री, किसी दूसरे मुख्यमंत्री पर नरसंहार जैसे गंभीर आरोप लगा सकता है?”
केजरीवाल की राजनीति हताशा भरी और जहरीली
इस प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी नेता भूपेंद्र यादव और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी शामिल थे. भूपेंद्र यादव ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की राजनीति हताशा भरी और जहरीली हो गई है. उन्होंने दावा किया कि आप पार्टी निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया के खिलाफ काम कर रही है. बीजेपी ने चुनाव आयोग को केजरीवाल का बयान सौंपा, जिसमें उन्होंने पानी में जहर होने का दावा किया है.
दूसरी ओर, कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (DPCC) की लीगल टीम ने कहा कि अगर केजरीवाल का दावा गलत पाया जाता है तो उनके खिलाफ सख्त कदम उठाया जाना चाहिए. कांग्रेस ने यह भी कहा कि अगर यमुना में सचमुच जहर है, तो बीजेपी पर कार्रवाई होनी चाहिए.
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-भारत एक्सप्रेस
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