पूर्व मंत्री और सपा नेता उज्ज्वल रमण सिंह कांग्रेस में शामिल
Lok Sabha Election 2024: समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री उज्ज्वल रमण सिंह मंगलवार (2 अप्रैल) को कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस उन्हें प्रयागराज जिले की इलाहाबाद लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाने की तैयारी में है. उज्ज्वल रमण सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक रेवती रमण सिंह के बेटे हैं.
यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव (यूपी प्रभारी) अविनाश पांडे ने यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय और कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ की उपस्थिति में उन्हें कांग्रेस में शामिल किया गया.
मालूम हो कि इस लोकसभा चुनाव में विपक्ष के इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस और सपा के बीच समझौता हुआ है. समझौते के अनुसार कांग्रेस को 17 सीटें मिली हैं. इन 17 सीटों में इलाहाबाद सीट भी शामिल है, इसीलिए उज्ज्वल को सपा से कांग्रेस में शामिल कराया गया है.
उज्ज्वल रमण का सियासी सफर
कुंवर उज्ज्वल रमण सिंह पेशे से समाजसेवी और अधिवक्ता थे. हालांकि राजनीति में उनकी एंट्री पिता कुंवर रेवती रमण सिंह के 2004 में इलाहाबाद से लोकसभा सांसद निर्वाचित होने के बाद हुई थी. 2004 में सपा प्रत्याशी के तौर पर उज्ज्वल रमण ने इलाहाबाद की करछना सीट से विधानसभा चुनाव जीता था और तत्कालीन मुलायम सिंह यादव की सरकार में पर्यावरण मंत्री बने थे.
इसके बाद 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में उज्ज्वल रमण को कुछ वोटों के मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा. 2012 की अखिलेश सरकार में उन्हें बीज विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया था. 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने करछना से फिर जीत दर्ज की.
प्रयागराज के बराव रियासत के राजकुमार कुंवर उज्ज्वल रमण सिंह वर्तमान समय में मोलीलाल मेमोरियल सोसायटी लखनऊ के अध्यक्ष हैं और 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष के इंडिया गठबंधन से इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी हो सकते हैं.
समाजवादी पार्टी से नाता
उज्ज्वल रमण सिंह के पिता रेवती रमण सिंह समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य और यूपी की तीन सरकारों में मंत्री रह चुके हैं. रेवती रमण 1974 से 2004 तक करछना विधानसभा की सियासत में सक्रिय थे. 8 बार विधायक रहने के साथ 2004 से 2014 तक 2 बार इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से सपा के सांसद भी थे. फिर राज्यसभा सांसद रहे.
-भारत एक्सप्रेस
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