फोटो-सोशल मीडिया
Srinagar Lok Sabha Election 2024: सोमवार (13 मई) को देश में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए वोटिंग हुई थी, जिसमें 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 96 सीटों के लिए वोट डाले गए थे. इस दौरान केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद पहली बार चुनाव का पर्व मनाया गया. पहले चुनाव को लेकर जनता के बीच दिखे क्रेज ने पिछले 25 साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है.
इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां मतदान 14.1 प्रतिशत और 2014 में 25.9 प्रतिशत हुआ था तो वहीं 2009 में 25.06 प्रतिशत, 2004 में 18.06 फीसदी और 1999 में 11.9 प्रतिशत वोट पड़े थे, लेकिन सोमवार को शाम 5 बजे तक घाटी के श्रीनगर क्षेत्र में 35.75 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई.
बता दें कि पहले कई बार जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित इलाकों में चुनाव स्थगित किए जा चुके हैं, वहीं इस बार वोटिंग के दौरान मतदाताओं के चेहरे पर कहीं भी डर नहीं दिखाई दिया और सभी ने पूरे उत्साह के साथ वोट डाला.
मोदी सरकार ने खत्म किया अनुच्छेद 370
बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने वर्ष 2019 में राज्य से अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था. इसके बाद श्रीनगर में 2024 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुए हैं. माना जा रहा है कि तीन दशक से अधिक समय से आतंकवाद से प्रभावित कश्मीर में करीब बीते 35 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी संगठन ने चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा नहीं की है.
श्रीनगर में उतरे इतने उम्मीदवार
बता दें कि लद्दाख के अलग होने के बाद जम्मू-कश्मीर में लोकसभा की पांच सीटें- श्रीनगर, बारामुला, अनंतनाग-राजौरी, उधमपुर और जम्मू हैं. सात मई को अनंतनाग-राजौरी में चुनाव था, लेकिन उसे स्थगित कर दिया गया था, अब यहां 25 मई को वोटिंग होगी. तो वहीं इस बार श्रीनगर सीट पर 24 उम्मीदवार चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं. तो वहीं इस लोकसभा सीट पर कुल 17.48 लाख वोटर्स हैं.
शांतिपूर्ण ढंग से हुई वोटिंग
जम्मू कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी पीके पोले ने सोमवार को श्रीनगर के शहर-ए-खास इलाके में बनाए गए मतदान केंद्रों का निरीक्षण करने के दौरान कहा कि श्रीनगर सीट के लिए बनाए गए सभी मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्ण तरीकों से वोटिंग हुई है. वह बोले कि कश्मीर घाटी की स्थिति में काफी सुधार हुआ है और लोग बिना किसी डर के वोट डाल रहे हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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